Tata Steel: टाटा स्टील ने यह रीसाइक्लिंग प्लांट हरियाणा के रोहतक में शुरू किया है। यह प्लांट आरती ग्रीन टेक लिमिटेड के साथ मिलकर बिल्ड-ओन-ऑपरेट मॉडल के आधार पर तैयार किया गया है। इस प्लांट के लिए फेरोहाट नाम के ऐप के जरिए कबाड़ स्टील खरीदा जाएगा।
कंपनी के बयान के मुताबिक, इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 0.5 मिलियन टन सालाना (MTPA) है। इस प्लांट को आरती ग्रीन टेक लिमिटेड के साथ मिलकर साझेदारी में तैयार किया गया है। इस प्लांट को बिल्ड-ओन-ऑपरेट (BOO) भागीदार मॉडल के आधार पर तैयार किया गया है। हालांकि, कंपनी ने इस प्लांट की लागत समेत अन्य वित्तीय जानकारी नहीं दी है। बयान में कहा गया है कि यह देश का पहला प्लांट है जिसमें मॉडर्न मशीनरी जैसे श्रेडर, बेलर, मैटेरियल हैंडलर आदि का इस्तेमाल किया गया है।
विभिन्न तरीकों से खरीदा जाएगा कबाड़: कंपनी ने बयान में कहा गया है कि इस प्लांट के लिए विभिन्न तरीकों से कबाड़ खरीदा जाएगा। इसमें वैधता अवधि खत्म हो चुके वाहने, प्रचलन से दूर हो चुके घरों, कंस्ट्रक्शन साइट और तबाह हो चुकी जगहों से निकलने वाला स्टील और इंडस्ट्री से निकलने वाला स्टील शामिल है। यह स्टील फेरोहाट नाम के ऐप के जरिए खरीदा जाएगा। इस कबाड़ को मशीनी उपकरों के जरिए साफ किए जाने के बाद स्टील बनाने के लिए भेज दिया जाएगा।
कई बार रीसाइकल किया जा सकता है स्टील: टाटा स्टील में स्टील रीसाइक्लिंग बिजनेस के चीफ योगेश बेदी का कहना है कि स्टील को कई बार रीसाइकल किया जा सकता है। रीसाइक्लिंग से स्टील की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता है। स्टील से जुड़ा कबाड़ मूल्यवान संसाधन है और स्टील बनान के लिए भविष्य का एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है।
दो नए ब्रांड भी लॉन्च किए: इस प्लांट के साथ टाटा स्टील ने दो नए ब्रांड टाटा फेरोबेल्ड और टाटा फेरोश्रेड की लॉन्चिंग की भी घोषणा की है। यह दोनों उत्पाद इसी प्लांट में कबाड़ के जरिए बनाए जाएंगे। टाटा स्टील दुनिया की टॉप स्टील कंपनियों में से एक है और इसकी सालाना उत्पादन क्षमता 34 मिलियन टन है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का कंसोलिडेटिड टर्नओवर 21.06 अरब डॉलर रहा है।
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