अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जेक सुलिवन ने पिछले हफ्ते पुष्टि की थी कि निश्चित रूप से, कई हथियार तालिबान के हाथ लग गए हैं।
इस बारे में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जेक सुलिवन ने पिछले हफ्ते पुष्टि की थी कि निश्चित रूप से, कई हथियार तालिबान के हाथ लग गए हैं। पिछले महीने प्रकाशित एक रिपोर्ट से पता चला है कि अमेरिका समर्थित अफगान रक्षा बलों के पास 150 से अधिक विमान थे। इनमें चार सी-130 परिवहन विमान, 45 यूएच-60 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर, 23 ब्राजील निर्मित ए-29 टर्बोप्रॉप ग्राउंड-अटैक विमान और 50 एमडी-530 हेलिकॉप्टर शामिल थे। इसके अतिरिक्त, 30 से अधिक सैन्यीकृत सेसना सिंगल-इंजन फिक्स्ड-विंग विमान अफगान बलों को सौंपे गए।
वास्तव में इनमें से कितने को अमेरिका द्वारा सैन्य कर्मियों के अफगानिस्तान छोड़ने से पहले उड़ा दिया गया था, यह वर्तमान समय में अटकलों का विषय है। एक अमेरिकी सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2003 और 2016 के बीच, अमेरिका ने विभिन्न किस्मों की लगभग 350,000 राइफलें, 64,000 से अधिक मशीनगन, 25,000 से अधिक ग्रेनेड लांचर और 22,174 हम्वीस अफगान बलों दिए।2017 और 2021 के बीच 20,000 M16 राइफल, 3,598 M4 राइफल और 3,012 Humvees के रूप में अधिक उपकरण प्रदान किए गए।
क्या तालिबान इन हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है?: विशेषज्ञों ने कहा है कि तालिबान के पास वर्तमान में अमेरिकी विमानों को संचालित करने और बनाए रखने की तकनीकी जानकारी नहीं है, जो अब अफगानिस्तान के विभिन्न हवाई अड्डों में बेकार पड़े हैं। इनमें से अधिकांश विमान निजी अमेरिकी ठेकेदारों द्वारा बनाए गए थे, जिनमें से कई ने तालिबान के हमले से बहुत पहले ही देश छोड़ दिया था।
हालांकि, कुछ ने नोट किया है कि तालिबान पूर्व अफगान रक्षा कर्मियों को इन विमानों को संचालित करने के लिए धमकी दे सकता है। इस बात की भी संभावना है कि तालिबान उसके प्रति सहानुभूति रखने वाले देशों से प्रशिक्षण और सहायता ले सकता है।
यह भी चिंता जताई जा रही है कि ये हथियार और विमान अब काले बाजार में बेचे जा सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तो यह पड़ोसी देशों के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है।
यह सर्वविदित है कि तालिबान देश के भीतर और साथ ही पड़ोसी पाकिस्तान में कई आतंकी संगठनों के साथ कुछ वैचारिक समानताएं और संबंध साझा करता है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन प्रशासन बचे हुए सैन्य उपकरणों को लेकर विकल्पों पर विचार कर रहा है।
रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से हेलीकॉप्टर जैसे बड़े उपकरणों के खिलाफ हवाई हमले करने की संभावना जताई गई है। हालाँकि, ऐसा करने से तालिबान के और अधिक विरोध करने का जोखिम है जब विदेशी दूतावासों को अभी भी खाली कराया जा रहा है।
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