Fake companies were formed in the name of laborers, tax evasion of 32.56 crores was caught, Central GST team caught four including mastermind in Agra | मजदूरों के नाम पर बना रखी थीं फर्जी कंपनियां, 32.56 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी, आगरा में मास्टरमाइंड सहित चार को सेंट्रल जीएसटी टीम ने पकड़ा

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आगरा:एक घंटा पहले
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सेंट्रल जीएसटी टीम की गिरफ्त में फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी करने वाले आरोपी। - Dainik Bhaskar

सेंट्रल जीएसटी टीम की गिरफ्त में फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी करने वाले आरोपी।

सेंट्रल जीएसटी आयुक्त कार्यालय की टीम ने 32.56 करोड़ रुपए की फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) वसूलने का खुलासा किया है। सेंट्रल जीएसटी की टीम ने इस मामले में चार आरोपी गिरफ्तार किए हैं। आरोपी 100 फर्जी कंपनियां बनाकर 184.56 करोड़ रुपए की बिक्री दिखाकर फर्जी इनवॉइस जारी कर 32.56 करोड़ रुपए का टैक्स चोरी कर चुके हैं। सेंट्रल जीएसटी की टीमें अभी इस मामले में अन्य लोगों की ​तलाश में दबिश दे रही हैं।

चार आरोपियों को पकड़ा
सेंट्रल जीएसटी की टीम ने गुरुवार को शहर में अलग अलग स्थानों पर छापामारी की। टीम ने गिरोह के मास्टरमाइंड समेत चारों आरोपियों को हिरासत में लिया है। सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर ललन कुमार ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड वरूण गुप्ता है। जो मै. वर्मिल कंसलटेंसी चला रहा है। मास्टरमाइंड वरुण गुप्ता ने साथी ऋषभ मित्तल, विकास अग्रवाल, सुनील राठौर के साथ 100 फर्जी कंपनियां बनाई हैं। इनसे 184.56 करोड़ के फर्जी बिल जारी किए गए। इन बिल के जरिए जीएसटी विभाग से 32.56 करोड़ रुपए का आईटीसी वसूल लिया। चारों आरोपी गिरोह बनाकर तीन साल से फर्जी इनवॉइस जारी करके फर्जीवाड़ा कर रहे थे।

मजदूरों के नाम पर खोल रखी थी कंपनी
मास्टरमाइंड समेत चारों आरोपियों ने खुलासा किया कि टैक्सी चोरी के लिए उन्होंने लिए फर्जी फर्म बनाई थी। जिन्हें पंजीकृत कराया। इस खेल के लिए फर्म का रजिस्ट्रेशन मजदूर और दैनिक वेतनभोगियों के पहचान पत्र और पैन कार्ड दिखाकर कराया गया था। इनमें मजदूरों को फर्म का डायरेक्टर, चेयरमैन बनाया है। आरोपी वरुण गुप्ता के घर और अन्य परिसरों से फर्जी आईटीसी के दस्तावेज, डेटा, लैपटॉप, डायरी, बिल बरामद किए गए हैं। पूछताछ में मास्टरमाइंड ने कबूला है कि चारों आरोपी फर्जी बिल के जरिए आईटीसी वसूल रहे थे। चारों की वर्तमान में 95 फर्म कागजों में चल रही हैं।

इन धाराओं में हुआ मुकदमा
सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर ललन कुमार ने बताया कि फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के फर्जीवाड़े में वरुण गुप्ता, ऋषभ मित्तल, विकास अग्रवाल, सुनील राठौर ने सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132 (1) (बी) और (सी) के तहत अपराध किया है। यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती है। इसमें पांच साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।

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