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शाहजमाल करबला मुतवल्ली मुख्तार जैदी बोले- मात्र कर्बला में जाकर 5 से 10 लोग जियारत कर सकते हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए इस बार मोहर्रम पर ताजिए जुलूस अलीगढ़ में नहीं निकाले जाएंगे। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रशासन व पुलिस का पूरा सहयोग करने का ऐलान किया है। शाहजमाल करबला मुतवल्ली मुख्तार जैदी ने कहा कि कोरोना गाइडलाइस के तहत शिया समुदाय के किसी भी संगठन द्वारा कोई भी जुलूस, कोई भी ताजिया नहीं निकाला जाएगा। मात्र कर्बला में जाकर 5 से 10 लोग जियारत (दर्शन) कर सकते हैं।
आगे कहा कि कोई भी पॉलिटिकल पार्टी किसी भी प्रकार का मोहर्रम को लेकर कार्यक्रम करती है तो उसका सिया या अंजुमन से कोई ताल्लुक नहीं है। जिला प्रशासन से अपील है कि इस तरह के लोगों के विरुद्ध सख्ती से पेश आते हुए कार्रवाई करें। इस मौके पर सय्यद मुहम्मद हसन, शहर मुफ्ती खालिद हमीद, मुख़्तार जैदी, मुतवल्ली करबला शाह जमाल, मौलाना तय्यब रजा मौजूद रहे।
सिर्फ मजलिस की है अनुमित
एएमयू ओल्ड बॉयज लॉज में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में शहर मुफ्ती मोहम्मद खालित ने मुसलिम समाज के लोगों से अपील की है कि करबला में सिर्फ मजलिस की अनुमति है। लोग करबला जाएं, पर भीड़ न जुटाएं। मुहर्रम शुक्रवार को हैं। इसके अलावा करबला में भी नियमानुसार मजलिस के दिशा-निर्देश पुलिस प्रशासन ने दिए हैं। यहां भीड़ न जुटाकर 50-50 के ग्रुप में मजलिस की अनुमति है।
सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस व PAC तैनात
मोहर्रम को देखते हुए डीआइजी दीपक कुमार ने करबला में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। करबला समिति के पदाधिकारियों से बातचीत कर कोविड प्रोटोकाल के तहत व्यवस्थाएं करने को कहा। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस व पीएसी भी तैनात की गई है। कोरोना के चलते इस बार भी मोहर्रम पर ताजिए व जुलूस पर पाबंदी लगाई गई है। करबला में भी नियमानुसार मजलिस के दिशा-निर्देश हैं।
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