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- लापरवाह पुलिस अफसर लाइन हाजिर जिन्होंने दर्ज नहीं कराया गुमशुदगी, चौकी प्रभारी निलंबित, मोबाइल गायब व शरीर पर चोट देखकर परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
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ड्राइवर कमलेश का शव मिलने के बाद मौके पर बिलखते परिजन
चकेरी से लापता कार ड्राइवर का शव सोमवार रात को कालीबाड़ी मंदिर के पास क्षतिग्रस्त कार से बरामद हुआ। शरीर पर चोटों के निशान होने से परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। थाने चौकी में तहरीर देने के बाद भी गुमशुदगी नहीं दर्ज करने और परिवार के लोगों को थाने-चौकी के चक्कर कटवाने पर थाना प्रभारी अमित तोमर को लाइन हाजिर और जाजमऊ चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है। अब मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद ही ड्राइवर के मौत का कारण साफ हो सकेगा।

इसी कार में ड्राइवर कमलेश का शव हुआ बरामद
थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज ने पीड़ित परिवार को रिपोर्ट दर्ज करने की बजाए भगाया
मूलरूप से उन्नाव के पाटन निवासी कमलेश चौरसिया (55) कार ड्राइवर थे। परिवार में पत्नी शांति समेत दो बेटे दीपक, आशू और बेटी नेहा हैं। मौजूदा समय में वह जाजमऊ जेके चौराहे के पास किराए के मकान में परिवार के साथ रहते थे। इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग से रिटायर मामा राम प्रसाद चौरसिया की कार चलाते थे। पत्नी शांति ने बताया कि रविवार को रक्षाबंधन के दिन राम प्रसाद की बेटियां स्वप्निल और ज्योत्सना घर आई थीं। शाम 6 बजे कमलेश ज्योत्सना को लखनऊ छोड़ने लिए कार से गए थे, लेकिन लौटकर नहीं आए। इसके चलते घबराई पत्नी शांति और उनके मामा रामप्रसाद ने गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए जाजमऊ चौकी और चकेरी थाने में तहरीर दी, लेकिन दोनों ही जगह से सुनवाई किए बगैर भगा दिया गया। सोमवार रात-9 बजे चकेरी पुलिस को कालीबाड़ी मंदिर के पास कमलेश का शव कार के भीतर बरामद हुआ। कार आगे से क्षतिग्रस्त भी थी। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। क्यों कि कमलेश का मोबाइल भी गायब था। तब अफसरों को पता चला कि शिकायत के बाद भी चकेरी थाना प्रभारी अमित तोमर और जाजमऊ चौकी इंचार्ज ने तहरीर देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। इसके चलते डीसीपी ईस्ट अनूप कुमार ने थाना प्रभारी अमित तोमर को लाइन हाजिर और जाजमऊ चौकी इंचार्ज जितेंद्र जायसवाल को सस्पेंड कर दिया।

मृतक कमलेश चौरसिया का फाइल फोटो
पुलिस सक्रिय होती तो बच जाते कमलेश
कार में शव मिलने की सूचना देने वाले भानु व एक दो अन्य लोगों से पूछताछ की गई तो पता चला कि मंदिर के पास कार सोमवार सुबह से ही खड़ी थी। जांच में यह भी पता चला है कि दोपहर 3 बजे तक कमलेश को सही सलामत देखा गया था। कार के भीतर बैठे व बाहर घूमते भी देखा था। अगर पुलिस गुमशुदगी दर्ज करके जांच करती तो निश्चित है कि कमलेश की जान बच जाती। पुलिस की लापरवाही के चलते कमलेश की मौत हो गई।
थानेदार का विवादों से है पुराना नाता
डीसीपी ईस्ट अनूप कुमार सिंह ने मामले की जांच एडीसीपी पूर्वी को सौंपी है। मालूम हो कि कुछ समय पहले एक दुष्कर्म पीड़िता ने इंस्पेक्टर अमित तोमर पर अभद्र सवाल पूछने का आरोप लगाया था। इसके पहले जब अमित तोमर फजलगंज थानेदार थे तब दो महिला सिपाहियों की शिकायत पर वह हटाये गए थे। इस तरह के कई आरोप इंस्पेक्टर पर लग चुके हैं। इंस्पेक्टर अमित तोमर का विवादों से पुराना नाता रहा है।
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