तालिबान ने भारत को दिया नागरिकों की सुरक्षा का वचन, दुनिया को चेताया, ‘कोई भी देश ना करें हमले की भूल’ | Taliban promised to protect citizens of India said Anti India activity will not be allowed in Afghanistan

तालिबान (Taliban) ने यहा भी कहा कि कोई भी देश अफगानिस्तान (Afghanistan) पर हमले की भूल न करे. तालिबान ने कहा कि किसी भी देश को अफगानिस्तान पर हमला करने का प्रयास नहीं करना चाहिए.

काबुल हवाई अड्डे के बाहर तैनात तालिबानी लड़ाके (फोटो- PTI)

अफगानिस्तान पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद “भारत के राजनयिक अलगाव” के बारे में विपक्ष की निराधार आशंकाओं को दूर करते हुए, भारत ने दोहा में वरिष्ठ तालिबान नेता शेर मोहम्मद स्टेनकजई के साथ अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चर्चा की. इस दौरान तालिबान ने आश्वासन दिया कि नया शासन ऐसा नहीं करेगा. स्टेनकजई दोहा, कतर में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख हैं और 1980 के दशक में भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र रहे हैं. शीर्ष तालिबान नेतृत्व द्वारा स्वीकृत बैठक एक घंटे से अधिक समय तक चली थी.

इसके साथ ही तालिबान ने मंगलवार को कहा कि कोई भी देश हमले की भूल न करे. तालिबान ने कहा कि किसी भी देश को अफगानिस्तान पर हमला करने का प्रयास नहीं करना चाहिए. अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की पूरी तरह से वापसी का जश्न मनाने के लिए काबुल में आयोजित एक कार्यक्रम में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य अनामुल्ला समांगानी ने अफगानों से देश नहीं छोड़ने का आग्रह भी किया.

तालिबान ने भारत की सकारात्मक भूमिका को स्वीकार

स्टेनकजई द्वारा 29 अगस्त को व्यापार और आर्थिक संबंधों को फिर से शुरू करने के लिए भारत के लिए सार्वजनिक रूप से प्रस्ताव देने के बाद, तालिबान नेता चुपचाप पिछले दो दिनों में नई दिल्ली और कतर दोनों में भारतीय नेतृत्व के पास पहुंचे. तालिबान नेता ने पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान में भारत द्वारा निभाई गई सकारात्मक भूमिका को स्वीकार किया. भारतीय वार्ताकार, कतर में राजदूत और अफ-पाक विशेषज्ञ दीपक मित्तल ने स्पष्ट किया कि भारत अभी भी अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों के साथ-साथ उस देश में रहने वाले हिंदू और सिख अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा चाहता है.

वहीं, तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों के जाने के कुछ घंटों बाद काबुल हवाई अड्डे पर मीडिया को भी संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जीत सभी अफगानों की है. दरअसल, अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को घोषणा की कि युद्धग्रस्त देश में अमेरिका ने सबसे लंबे समय तक चले युद्ध को समाप्त कर दिया है.

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