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- अमरिंदर बोले- केंद्र के कहने पर भी किसानों को दिल्ली जाने से नहीं रोका; सिद्धू ने कहा: आप ने लागू किया कानून, अकाली दल बहा रहे हैं मगरमच्छ के आंसू
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किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू ने अकाली दल व आम आदमी पार्टी (AAP) को घेरा। सिद्धू ने कहा कि अकाली दल ने यह कानून बनाया और फिर उसे डिफेंड किया। वहीं, आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने इनमें से एक कानून लागू कर दिया। इसके बाद दोनों पार्टियों के नेता मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं।
इस पर AAP के पंजाब सह प्रभारी राघव चड्ढा से सिद्धू को जवाब मिल गया है। चड्ढा ने करारा तंज कसते हुए कहा कि नवजोत सिद्धू पंजाब की राजनीति के राखी सावंत हैं। लगातार कैप्टन पर हमला करने की वजह से कांग्रेस हाईकमान ने उनकी खिंचाई की थी। जिसके बाद थोड़े बदलाव के लिए सिद्धू ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। हालांकि कल से फिर सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बोलना शुरु कर देंगे। इसको लेकर अब सिद्धू की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।

राघव चड्ढा का सिद्धू को जवाबी ट्वीट।
क्या अरविंद केजरीवाल ने कानून डी-नोटिफाई किया : सिद्धूू
सिद्धू ने ट्वीट कर सुबह कहा था कि आम आदमी पार्टी (AAP) को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि 1 दिसंबर 2020 को केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में APMC को रद्द कर प्राइवेट मंडी स्थापित करने के लिए मोदी सरकार के कानूनों में से एक कानून नोटिफाई किया। उस वक्त भी किसान दिल्ली बार्डर पर आंदोलन कर रहे थे। इसके बाद विधानसभा सेशन बुलाकर बिल की कॉपी फाड़कर ड्रामा किया गया। क्या अरविंद केजरीवाल सरकार ने वह कानून डी-नोटिफाई किया।

AAP के खिलाफ सिद्धू का ट्वीट।
कानून बनाने व डिफेंड करने वाले सुखबीर का ड्रामा एक्सपोज हो चुका
वहीं, सिद्धू ने ट्वीट के जरिए पहले अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल पर निशाना साधा। सिद्धू ने पंजाब फार्मिंग एक्ट 2013 की कॉपी का वो हिस्सा भी डाला, जिसमें इसे तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पेश किया था। सिद्धू ने कहा कि सुखबीर सफेद झूठ बोल रहे हैं। सिद्धू बोले कि काले कानून बनाने व उसे डिफेंड करने वाले अब मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। आपका ड्रामा एक्सपोज हो चुका है।

अकाली दल पर सिद्धू का ट्वीट।
आलोचना के बाद कैप्टन फिर किसानों के समर्थन में
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को ‘नो फार्मर-नो फूड’ का बैज पहना। इसके बाद उन्होंने कहा किनवंबर 2020 में केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों को दिल्ली आने से रोकने को कहा था। मैंने इससे स्पष्ट इनकार कर दिया। मैंने कहा कि किसानों का प्रदर्शन लोकतांत्रिक है। इसलिए मैं उन्हें नहीं रोकूंगा। कैप्टन ने इससे पहले कहा था कि अगर वो किसानों को पंजाब में ही रोक देते तो दिल्ली के सिंघु व टिकरी बार्डर पर भीड़ नहीं जुटती।

कैप्टन ने किसानों को पंजाब की आर्थिक व्यवस्था, डेवलपमेंट, नौकरियां, रेवेन्यू व इन्वेस्टमेंट का हवाला देते हुए राज्य में आंदोलन न करने की अपील की थी। जिसके बाद विरोधियों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा ने भी उनकी आलोचना की थी। वहीं, कैप्टन ने किसानों को पंजाब में आंदोलन न करने की नसीहत भी दी थी। जिसके बाद किसान नेताओं ने भड़कते हुए कैप्टन के किसान हितैषी होने पर सवाल उठा दिए थे। जिसके बाद कैप्टन फिर से केंद्र सरकार पर आक्रामक हुए हैं।
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