बीसीसीआई सचिव ने यह भी कहा कि ईसीबी द्वारा आईसीसी की विवाद समाधान समिति (डीआरसी) के सामने ले जाने की ऐसी खबरों से अनजान थे, जिनमें रद्द किए गए टेस्ट का नतीजा इंग्लैंड के पक्ष में करने की मांग की गई थी। हालांकि, शाह ने साफ किया कि अतिरिक्त मैच तभी खेले जाएंगे, जब ऐसी कोई मांग नहीं होगी।
बता दें कि 10 सितंबर को ईसीबी ने पहले बयान जारी कर कहा था कि टीम इंडिया ने ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर उतरने से मना कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उसने मैनचेस्टर टेस्ट गंवा दिया। हालांकि, बाद में उसने बयान में संशोधन किया और मैच को रद्द बताया। यदि टीम इंडिया मैनचेस्ट टेस्ट गंवा देती तो वह इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतने का मौका गंवा देती। अब मैनचेस्टर टेस्ट रद्द होने के बाद टीम इंडिया अभी इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट की सीरीज 2-1 से आगे है।
जय शाह ने को क्रिकबज को बताया, ‘बीसीसीआई इंग्लैंड के खिलाफ दो अतिरिक्त टी20 मैच खेलने के लिए सहमत हो गया है, ताकि ईसीबी ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट के रद्द होने से हुए नुकसान की भरपाई कर सके। बशर्ते टीम इंडिया को मैनचेस्टर टेस्ट गंवाने देने की मांग नहीं होनी चाहिए।’
जय शाह ने बताया, ‘यह सही है कि जब हम अगले साल जुलाई में इंग्लैंड का दौरा करेंगे (केवल सफेद गेंद के खेल के लिए) तब हमने 2 अतिरिक्त टी20 इंटरनेशनल खेलने की पेशकश की है। इसका मतलब है कि इंग्लैंड के खिलाफ अब तीन टी20 इंटरनेशनल के बजाय, पांच टी20 इंटरनेशनल मैच खेलेंगे।’
जय शाह ने कहा, ‘हमने एक टेस्ट मैच खेलने का भी विकल्प खुला रखा है। अब यह उन पर निर्भर है कि वे किसी एक प्रस्ताव को चुनें।’ शाह ने साथ ही यह भी पुष्टि की कि पुनर्निर्धारित टेस्ट का प्रस्ताव अब भी कायम है।
बीसीसीआई सचिव ने यह भी कहा कि वह ईसीबी द्वारा आईसीसी की विवाद समाधान समिति (डीआरसी) के समक्ष उस प्रस्ताव को ले जाने की खबरों से अनजान थे, जिनमें रद्द किए गए टेस्ट का नतीजा इंग्लैंड के पक्ष में करने की मांग की गई थी। हालांकि, शाह ने साफ किया कि अतिरिक्त मैच तभी खेले जाएंगे, जब ऐसी कोई मांग नहीं होगी।
इस बीच, जय शाह ने विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच अंतरराष्ट्रीय कप्तानी को विभाजित करने के किसी भी कदम की जानकारी से इनकार किया। शाह ने अपने सहयोगी अरुण सिंह धूमल की टिप्पणियों से सहमत जताई। उन्होंने कहा, ‘ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। टीम इंडिया का नेतृत्व विराट कर रहे हैं और हम उनका समर्थन कर रहे हैं।’
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