न्यूजीलैंड द्वारा पाकिस्तान दौरा रद्द करने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के संक्षिप्त सीरीज खेलने के प्रस्ताव को बांग्लादेश और श्रीलंका ने भी ठुकरा दिया है। पीसीबी के सीईओ वसीम खान ने इसकी जानकारी दी है।
आपको बता दें कि न्यूजीलैंड की टीम 18 साल बाद पाकिस्तान दौरे पर तीन वनडे और पांच टी20 मैचों की सीरीज के लिए पहुंची थी। लेकिन अचानक पहला वनडे शुरू होने से ठीक पहले न्यूजीलैंड क्रिकेट ने सुरक्षा का हवाला देते हुए दौरा रद्द करने का फैसला लिया।
न्यूजीलैंड द्वारा दौरा रद्द करने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने पड़ोसी देश बांग्लादेश और श्रीलंका से एक संक्षिप्त श्रंखला खेलने के लिए संपर्क किया। लेकिन पहले से निर्धारित खिलाड़ियों के कार्यक्रम को देखते हुए इस पर भी बात नहीं बन सकी और दोनों देशों के बोर्ड ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
पीसीबी के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) वसीम खान ने कहा कि श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) और बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने पाकिस्तान में खेलने की इच्छा जतायी, लेकिन उनके पास अपनी टीम भेजने के लिए बहुत कम समय था।
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उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अध्यक्ष ने उनसे बात की और एक छोटे दौरे की संभावना के बारे में पूछा जिस पर उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। दोनों बोर्ड ने हालांकि बताया कि उनके लिए अपनी पहले से ही सुनिश्चित योजनाओं को बदलना बहुत मुश्किल है और उनके कुछ खिलाड़ी भी देश से बाहर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मजबूत इच्छा दिखाई लेकिन समय की कमी के कारण उनके लिए एक दौरा करना संभव नहीं था। उनके पास विश्व कप (टी20) से पूर्व की अपनी योजनाएं है।’’
गौरतलब है कि न्यूजीलैंड ने रावलपिंडी में खेले जाने वाले शुरुआती एकदिवसीय से कुछ घंटे पहले सुरक्षा खतरे का हवाला देते हुए शुक्रवार को अपना पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया था। टीम इसके बाद इस्लामाबाद से चार्टर्ड विमान से दुबई पहुंच चुकी हैं।
वसीम खान ने न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टी20 कप मैच के बहिष्कार की किसी भी संभावना से इनकार किया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि उनका मानना है कि न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान क्रिकेट का अनादर किया है और उनके एकतरफा दौरे को छोड़ना किसी जख्म की तरह है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम विश्व क्रिकेट में एक वास्तविक समस्या का सामना कर रहे हैं। अगर ऐसे कथित खतरों पर सरकार से या खुफिया स्तर पर चर्चा नहीं की जा सकती है तो भविष्य में और टीमें एकतरफा फैसले के साथ दौरे छोड़ सकती हैं।’’
उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) इस भेदभाव के मुद्दे को उठाएगा। उनके अनुसार सभी सदस्य देशों के लिए एक समान नियम होने चाहिए।
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