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- विश्वनाथ मंदिर से वाराणसी के लंका गेट तक निकाला गया जुलूस, बीएचयू के छात्रों ने बैठक के बाद कहा; भारतीय समाज में आज भी जिंदा हैं भगत के विचार
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BHU स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर पर सभा करते छात्र।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आज भगत सिंह की 114वीं जयंती पर सैकड़ाें छात्र सड़क पर जुलूस निकाली। भगत सिंह छात्र मोर्चा की अगुवाई में विश्वनाथ मंदिर पर पोस्टर प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सभा करके भगतसिंह को याद किया गया। वहीं विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक जुलूस निकाला गया। जहां पर इंकलाब जिंदाबाद, साम्राज्यवाद मुर्दाबाद, छात्र-किसान-मजदूर एकता ज़िंदाबाद के नारे लगे।

पेंटिंग ने भगत सिंह को किया जिंदा
सभा में छात्र-छात्राओं ने कहा कि भगत सिंह उन क्रांतिकारियों में से एक हैं जिसने सबसे ज्यादा भारतीय समाज को प्रभावित किया है। मगर शहीद होने के 114 साल बाद भी सरकारें भगतसिंह के विचारों के साथ याद करने में डरती है। भगत सिंह को याद करना शहादत और सामजिक परिवर्तन की परंपरा को जीवंत रखने जैसा है। इस बीच पोस्टर प्रदर्शनी में भगतसिंह के क्रांतिकारी विचारों और उनके सपनों को कागज पर छात्रों ने उकेरा। एक पेंटिंग में भगतसिंह देश के युवाओं से अपील करते हैं कि वो आगे आएं और देश की बागडोर अपने कंधे पर लें।

ए भगतसिंह तू ज़िंदा है
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान क्रांतिकारी गीतों की प्रस्तुतियां हुईं। इनमें “ए भगतसिंह तू ज़िंदा है” और “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल मे है” गाकर लोगों में देश प्रेम की भावना का संचार किया गया। वहीं वक्ताओं ने सभा मे बोलते हुए कहा कि आज देश में मंहगाई, गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी से देश के जनता त्रस्त है। दूसरी ओर किसान 10 महीनों से अपनी मांग के लेकर आंदोलनरत है। मजदूरों को लेबर कोड जैसे मजदूर विरोधी कानून बनाकर उनके श्रम को चोरी करने की साजिश रची जा रही है। देश आज कमोबेश वैसे ही समय मे पहुंच चुका है जैसे 114 साल पहले भगतसिंह के समय में था। इसलिए लिए देश को बचाने की जिम्मेदारी आज छात्रों-नौजवानों के कंधों पर आ गई है। अब देश के नौजवानों की देश की दिशा और दशा तय करनी है।
कार्यक्रम के अंत में भगतसिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों ने शहर के नौजवानों से अपील की पढ़ाई के साथ-साथ समाज में अपना योगदान दें। समाज और देश में बदलाव के लिए काम करें। तभी देश में क्रांति आएगी। असमानता और अन्याय पर आधारित व्यवस्था का अंत हो जाएगा। इस पूरे सभा का संचालन उमेश और योगेश ने किया, जिसमें 50 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रमुख रूप से अभिनव, अवनीश, नीतीश, अजित, शुभम, अमन, सिद्धि, इप्शिता,आकांक्षा, सुमित आदि शामिल हुए।
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