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साइबर सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी।
रेंज साइबर सेल ने ऑन लाइन आरटीओ टैक्स के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के दो और सदस्यों को पकड़ा है। गिरोह के 6 सदस्य पूर्व में जेल जा चुके हैं। गैंग में 50 से अधिक सदस्य हैं। ठगी के लिए परिवहन विभाग से मिलती जुलती फर्जी वेबसाइट बनाई जाती थीं।
परिवहन विभाग से मिलती जुलती वेबसाइट से करते थे ठगी
रेंज साइबर थाना के प्रभारी विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि आनलाइन ठगी करने वाले इस गिरोह का पर्दाफाश पहले किया जा चुका है। गैंग के सदस्य बार्डर पर बूथ लगाकर बैठते थे। जिस पर लिखा होता था यहां ऑनलाइन आरटीओ टैक्स जमा किया जाता है। वाहन चालक एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में एंट्री के समय ऑनलाइन टैक्स जमा कराते हैं। वे इनके बूथ पर जाते थे। शातिर परिवहन विभाग से मिलती जुलती फर्जी वेबसाइट बनवाते थे।
टैक्स जमा करने वाले को रसीद देते थे। उसके मोबाइल पर उसी वेबसाइट से एक मैसेज भी जाता था। कैश देने वाले को लगता था कि टैक्स जमा हो गया। चेकिंग में ऐसे मामले पकड़े गए थे। रसीद भी फर्जी होती थी। आवास विकास कालोनी पुनीत पाराशर के साथ भी इसी अंदाज में ठगी हुई थी। उन्होंने रेंज साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
गैंग में 50 से अधिक सदस्य
एडीजी साइबर इस मामले की लखनऊ से समीक्षा कर रहे हैं। उनके निर्देश पर छापेमारी लगातार जारी है। रेंज साइबर थाना पुलिस ने वृंदावन में दबिश देकर दो आरोपियों को पकड़ा। आरोपियों ने अपने नाम राहुल (भुलवाना, होडल) व प्रवीन (नोएडा) बताए। आरोपियों ने बताया कि उनके गिरोह में 50 से अधिक सदस्य हैं। उत्तर प्रदेश ही नहीं हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड आदि प्रदेश में उनके गिरोह के सदस्य बार्डर पर बूथ लगाकर बैठते हैं।
गिरोह का सरगना बल्लो उर्फ बलवीर है। उनके गिरोह में सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी हैं। आरोपी लग्जरी कार में चला करते थे। उनके पास से एक कार, एक लैपटॉप, तीन मोबाइल, नौ क्रेडिट कार्ड, छह सिमकार्ड, फर्जी पांच वेबसाइट के लिंक जिनका प्रयोग ठगी के लिए किया जाता था।
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