कोई भी पेरेंट इस बात से इन्कार नहीं कर सकता कि जीवन के बारे में बहुत सारी चीजें उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश करते हुए सीखीं। हर व्यक्ति चाहता है कि वह अपने बच्चों के लिए श्रेष्ठ अभिभावक बने। पर श्रेष्ठ अभिभावक बनने का आखिर तरीका क्या है? कुछ लोग सुझाव देते हैं कि बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखना जरूरी है, इससे आप उनके निकट रह सकते हैं। जबकि कुछ का मानना है कि बच्चों को अनुशासन सिखाना ज्यादा जरूरी है। जिससे वे जीवन की आगामी चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर सकें। इन सबके बावजूद सोशल मीडिया पर भी पेरेंटिंग सिखाने वाले गुरुओं की कमी नहीं है। गूगल की दुनिया में पेरेंटिंग और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है, क्योंकि आपके बच्चे के पास इंटरनेट है। वह आपको क्रॉस चैक कर सकता है, खारिज भी कर सकता है। कई बार तो स्थिति यहां तक पहुंच जाती है कि बच्चे पेरेंट्स की बजाए गूगल पर ज्यादा भरोसा करते हैं।
इससे न केवल पेरेंट्स के साथ उनकी बॉन्डिंग प्रभावित होती है, बल्कि बच्चों की ग्रोथ पर भी इसका असर पड़ता है। अगर बच्चों के समग्र विकास की बात करें तो इसमें केवल कद-काठी ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी अहम भूमिका अदा करता है। अगर आप भी अपने बच्चों की परवरिश को लेकर कन्फ्यूज हैं, तो परेशान न हों, क्योंकि हेल्थशॉट्स हमेशा से आपकी मदद के लिए तैयार हैं। अहोई अष्टमी के अवसर पर जानें पेरेंटिंग के ऐसे उपाय जो आपके बच्चे का आज ही नहीं, भविष्य में भी ख्याल रखेंगे।
अहोई अष्टमी : पेरेंटिंग के ये 8 उपाय होंगे आपके बच्चे के फिजिकल, सोशल और मेंटल डेवलपमेंट में मददगार
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