आर्यन खान के ड्रग्स केस में केंद्रीय जांच एजेंसी एनसीबी की तरफ से गवाह बनाए गए किरण गोसावी ने बॉडीगार्ड प्रभाकर सेल द्वारा लगाए गए आरोप पर कहा कि सब आरोप झूठे हैं और जांच को भटकाने की साजिश हो रही है।
समाचार चैनल एनडीटीवी से बातचीत करते हुए किरण गोसावी ने कहा कि वह कुछ ही समय में लखनऊ में पुलिस के सामने सरेंडर कर देगा। हालांकि जब उससे पूछा गया कि जब मुंबई में उसके खिलाफ केस दर्ज है और महाराष्ट्र पुलिस उसे खोज रही है तो वह लखनऊ में सरेंडर क्यों कर रहा है। तो उसने कहा कि उसे मुंबई में खतरा था। हालांकि जब उससे समीर वानखेड़े के साथ पैसे की डील को लेकर सवाल पूछा गया तो उसने कहा कि एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े से उसकी पहली मुलाकात 2 अक्टूबर को हुई थी।
किरण गोसावी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि मैं महाराष्ट्र के बाहर आधे घंटे में आत्मसमर्पण कर रहा हूं। सब कुछ साफ हो जाएगा। वहीं बॉडीगार्ड प्रभाकर सेल द्वारा लगाए गए आरोप पर गोसावी ने कहा कि सब आरोप झूठे हैं और जांच को भटकाने की साजिश है। किरण ने यह भी कहा कि आर्यन खान की गिरफ़्तारी के बाद उसे धमकी भरे कई फोन आए हैं।
किरण गोसावी के लखनऊ में सरेंडर करने को लेकर लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने कहा कि वह लखनऊ में सरेंडर नहीं कर सकता है। क्योंकि लखनऊ पुलिस के पास उसके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। वहीं पुणे पुलिस ने भी किरण गोसावी के बयान सामने के बाद अपना बयान जारी किया है। पुणे पुलिस ने कहा है कि किरण गोसावी के आत्मसमर्पण करने की ख़बरें चल रही हैं, हम अभी भी उसकी तलाश कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में हमने दो आरोपियों में से एक को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि पुणे पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में किरण गोसावी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। साल 2018 में चिन्मय देशमुख नाम के एक शख्स ने पुणे में किरण गोसावी के खिलाफ 420 का मुकदमा दर्ज किया था। किरण गोसावी पर नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने का आरोप लगाया गया था। पुणे पुलिस उसी समय से गोसावी की तलाश कर रही थी। लेकिन पिछले दिनों उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया था।
इससे पहले रविवार को किरण गोसावी के बॉडीगार्ड होने का दावा करने वाले प्रभाकर सेल नाम के शख्स ने एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े और गोसावी के खिलाफ मिलीभगत और दोनों के बीच पैसों के सौदे होने का आरोप लगाया। प्रभाकर सेल को भी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की तरफ से गवाह बनाया गया है। प्रभाकर सेल ने हलफनामा दायर कर कहा कि वह केपी गोसावी का अंगरक्षक है। उसने केपी गोसावी और सैम डिसूजा नाम के शख्स के बीच 18 करोड़ के डील की बात सुनी है। जिसमें से 8 करोड़ एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को दिए जाने थे।
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