देश भर में सिनेमाघर खुल गए हैं। फिल्मजगत के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि क्या दर्शक पहले की तरह वापस सिनेमाघरों में आएंगे?
देश भर में सिनेमाघर खुल गए हैं। फिल्मजगत के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि क्या दर्शक पहले की तरह वापस सिनेमाघरों में आएंगे? महाराष्ट्र में 22 अक्तूबर को जब सिनेमाघर खुले तो सिनेमासंकुल (मल्टीप्लेक्स) चलाने वाली एक कंपनी ने एलान किया कि वह अपने सिनेमाघरों में नौ बजे सुबह का शो बिलकुल मुफ्त चलाएगी। यह घोषणा फिल्मवालों की चिंताओं को सामने रखती है और बताती है यह कारोबार लोगों को घरों में बिठाकर ओटीटी पर फिल्में दिखा कर नहीं, लोगों को घरों से बाहर निकाल कर सिनेमाघरों में लाने से ही चलेगा। लिहाजा सिनेमाघरों के खुलने के बाद फिल्मजगत अब प्रदर्शन के लिए रूकी पड़ी फिल्मों को दर्शकों और दर्शकों को फिल्मों तक पहुंचाने की योजना में व्यस्त है।
फिल्मउद्योग की स्थित आज उस चींटी की तरह हो गई है जो बार बार गिरने के बावजूद अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती चली जाती है। तमाम मुश्किलों का सामना करने के बाद फिल्मजगत में फिल्में बनाने और दिखाने का काम पटरी पर लौट रहा है। कोरोना काल में फिल्म निर्माण, वितरण और प्रदर्शन तीनों ही बुरी स्थिति से गुजर चुके हैं। लगभग दो साल में कई बड़ी फिल्में रिलीज नहीं हो पाई और वे इकट्ठी हो गर्इं हैं। फिल्मजगत की पहली चिंता इन फिल्मों का निपटारा यानी सिनेमाघरों में प्रदर्शन है। उसकी आशंका है कि क्या दर्शक सिनेमाघरों में फिर लौटेंगे। इसे जांचने के लिए आइनोक्स सिनेमा शृंखला ने 22 अक्तूबर को एक मुफ्त शो का आयोजन भी रखा। जिसके नतीजे ठीक ठाक कहे जा सकते हैं।
दीपावाली का त्योहार फिल्मजगत के लिए हमेशा से ही फायदेमंद रहा है। लोकप्रिय सितारों वाली बड़े बजट की फिल्में दीपावली पर रिलीज होती रही हैं। इस दीपावली पर पांच नवंबर से अक्षय कुमार की प्रमुख भूमिकावाली ‘सूर्यवंशी’ रिलीज होने जा रही है। टी20 विश्वकप क्रिकेट के बाद प्रमुख फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज की घोषणा की गई है। 19 नवंबर को ‘बंटी और बबली 2’, नवंबर 25-26 को सलमान की ‘अंतिम’ और जान अब्राहम की ‘सत्यमेव जयते 2’, तीन दिसंबर को सुनील शेट्टी के बेटे अहान की ‘तड़प’, 10 दिसंबर को आयुष्मान खुराना की ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’, 24 दिसंबर विश्वकप क्रिकेट पर बनी रणवीर सिंह की ‘83’ और 31 दिसंबर को शाहिद कपूर की ‘जर्सी’ के प्रदर्शन की घोषणा हो चुकी है। बावजूद इनके प्रदर्शन के लिए तैयार फिल्मों का ढेर लगा है और अगले साल इस ढेर को खत्म करने की शुरुआत आलिया भट्ट की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ से 6 जनवरी को होगी।
कर्नाटक, राजस्थान जैसे कुछ प्रदेशों ने तो अपने यहां 100 फीसद क्षमता के साथ सिनेमाघर खोल दिए हैं इसके अलावा हर शो के बाद सिनेमाघरों को रोगाणुमुक्त करना और दर्शकों को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। फिल्म कारोबार के विश्लेषक कोमल नाहटा का कहना है कि महाराष्ट्र में सिनेमाघरों का खुलना फिल्मजगत के लिए खुशी की बात है। जो थोड़ी बहुत दिक्कतें है वे समय के साथ दूर हो जाएंगी। आने वाला साल फिल्मजगत में खुशियां लेकर आएगा। इसलिए फिलहाल तो हम सिनेमाघरों के खुलने का आनंद लें।
टकराव की स्थिति
चूंकि रिलीज होने वाली फिल्मों की संख्या ज्यादा है इसलिए इस बात की संभावना अधिक है कि अगले साल बड़े बजट की लोकप्रिय सितारों वाली फिल्मों में खूब टकराव देखने को मिलेगा। मतलब हर सप्ताह दो से तीन फिल्में एक ही दिन प्रदर्शित होंगी। निर्माताओं में सिनेमाघर पाने की छीना-झपटी की संभावना भी है। कोरोना से पहले 10 हजार परदों पर फिल्मों का प्रदर्शन होता था। कोरोना के कारण कुछ सिनेमाघर बंद होने से लगभग 2000 परदे कम हो गए हैं। बड़े बजट की फिल्मों को लागत निकालने के लिए तीन चार हफ्ते चाहिए। मगर इस दौरान नई फिल्में प्रदर्शित होने से सिनेमाघरों में पहले से चल रही फिल्म का धंधा प्रभावित होगा। यह स्थिति दर्शकों के लिहाज से अच्छी है क्योंकि उनके पास दूसरी फिल्में देखने का विकल्प होगा। हालांकि ‘सूर्यवंशी’ के निर्देशक रोहित शेट्टी का कहना है कि फिल्में वे ही चलती हैं, जो अच्छी बनी होती हैं।
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