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वीडियो में डांस कर रही युवती जैकेट पहने नजर आ रही है। ऐसे में अंदेशा है कि वीडियो सर्दी के वक्त का है। जो अब वॉयरल हुआ है।
राजधानी लखनऊ के बड़े इमामबाड़े में युवती के डांस का वीडियो वॉयरल होने के बाद शनिवार को चौक कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। शुक्रवार को धार्मिक स्थल में डांस किए जाने से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद धर्मगुरुओं ने नाराजगी जताई थी। इस मामले में हुसैनी टाइगर संस्थान की तरफ से एफआईआर कराया गया है।
इंस्पेक्टर रत्नेश सिंह के मुताबिक वॉयरल वीडियो किस समय का है। यह स्पष्ट नहीं हो सका है। वीडियो में डांस कर रही युवती जैकेट पहने नजर आ रही है। ऐसे में अंदेशा है कि वीडियो सर्दी के वक्त का है। जो अब वॉयरल हुआ है। फिलहाल हुसैनी टाइगर के अध्यक्ष नकी हुसैन वॉयरल वीडियो के संबंध में तहरीर दी है। जिसके आधार पर धार्मिक भावना आहत करने की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। वॉयरल वीडियो में नजर आ रही युवती की पहचान करने और वीडियो रिकार्ड करने वाले को पुलिस तलाश रही है। योगी सरकार में अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने डीएम को पत्र लिखते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए थो।
धार्मिक गुरुओं ने जताई थी नराजगी
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने बड़े इमामबाड़े में टूरिस्टों पर रोक लगाने की मांग की थी। मौलाना यासूब अब्बास का कहना था कि लखनऊ के DM अभिषेक प्रकाश, हुसैनाबाद ट्रस्ट के चेयरमैन भी हैं। उनके होते हुए बड़े इमामबाड़े की पवित्रता को रौंदा जा रहा है। ये एक धार्मिक स्थल है, कोई टूरिस्ट प्लेस नहीं है। बड़े इमामबाड़े में टूरिस्टों के आने पर तुरंत रोक लगाई जाए। लखनऊ लौटने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
‘ऐसा काम मुल्क की संस्कृति और तहजीब के खिलाफ’
दारुल उलूम फरंगी महली के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने कहा था कि धार्मिक स्थलों का सम्मान करना सबका फर्ज है। हम सब को मिलकर ऐसे वीडियो का विरोध करना चाहिए। इबादतगाह हमारे मुल्क की संस्कृति का प्रतीक होती है। हैरत की बात है, डांस का वीडियो इबादतगाह में बनाया जा रहा है। इस कृत्य से एडमिनिस्ट्रेशन पर भी सवालिया निशान उठता है। ऐसा काम हमारे मुल्क की संस्कृति और तहजीब के खिलाफ है।
शिया समुदाय के लोग करते हैं मजलिस
बताया जाता है कि शिया समुदाय के लोग जहां मजलिस और मातम करते हैं, वहां पर डांस किया जा रहा है। इस मामले को हुसैनाबाद ट्रस्ट के जिम्मेदार पदाधिकारियों की लापरवाही से जोड़कर देखा जा रहा है।
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