इंजीनियर अनुचेत जब बने IPS, मां-बेटी के केस ने दिया था अंदर से झकझोर, गौरी लंकेश केस में जांच के लिए मिल चुका है पदक


UPSC: एम एन अनुचेत जब बेंगलुरु पहुंचे तब उनके सामने एक से एक उलझे हुए केस सामने आए। इन्हें कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए भी जाना जाता है। गोरी लंकेश मर्डर केस में जांच के लिए इन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है।

आईपीएस एम एन अनुचेत जब बेंगलुरु में अधिकारी बनकर पहुंचे तो उनका सामना यहां कई कठिन और हाईप्रोफाइल मामलों से हुआ। इस युवा आईपीएस के सामने आए पहले ही मामले ने इन्हें भावनात्मक रूप से झकझोर दिया था।

यहां से हुई शुरुआत- 2009 बैच के कर्नाटक कैडर के आईपीएस अधिकारी एम एन अनुचेत कोलार जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद आरवी कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर की पढ़ाई की। जिसके बाद अनुचेत यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। 2009 में उन्होंने यूपीएससी क्लियर किया और कर्नाटक कैडर के लिए इनका चुनाव आईपीएस अधिकारी के तौर पर किया गया।

जब पहुंचे बेंगलुरु- एमएन अनुचेत जब बेंगलुरु पहुंचे तब उनके सामने एक से एक उलझे हुए केस सामने आए। पत्रकार गौरी लंकेश के साथ-साथ एक और ऐसा मामला इनके पास आया, जिसने इन्हें झकझोर कर रख दिया। दरअसल फरवरी 2020 में एक घर में एक महिला का शव मिला था, साथ ही एक युवक गंभीर रूप से घायल पड़ा था। पुलिस के लिए यह केस एक अनसुलझी पहेली लग रही थी। युवा अफसर अनुचेत की देखरेख में ही इस मामले की जांच शुरू हुई।

इस केस ने झकझोरा- पहले किसी बाहरी क्रिमिनल पर इस मामले को लेकर आशंका जताई गई, लेकिन जब घायल युवक होश में आया तो उसने जो कुछ कहा वो पुलिस के लिए भी चौंकाने वाला था, खासकर अनुचेत को। घायल युवक ने कहा कि उसे और उसकी मां पर हमला करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसकी बहन ही है। बहन ने ही मां को मारने के बाद उसपर हमला किया था और उसे मारा समझकर वो फरार हो गई।

मिली कामयाबी- जांच में जुटी टीम के हाथ जब सीसीटीवी फुटेज लगे तो उसमें आरोपी युवती एक लड़के साथ बाइक पर जाती दिखी। युवती को पुलिस ने अंडमान से उसके प्रेमी के साथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी युवती ने जो कहानी बताई उससे पुलिस टीम भी चौंक गई। युवती ने 15 लाख रुपये का कर्ज ले रखा था। जिसकी वसूली के डर से उसने पहले अपनी मां और भाई को मारने की योजना बनाई। यही नहीं युवती ने इनका मर्डर करने के बाद खुद की भी आत्महत्या का प्लान बना रखी थी, लेकिन इससे पहले की वो खुदकुशी कर पाती, पुलिस ने काफी कम समय में ये गुत्थी सुलझाते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। इस घटना पर नेटफ्लिक्स ने एक सीरीज में एक एपिसोड भी बनाया है।

प्रवासियों की मदद- कोरोना महामारी के आने के बाद जब देशभर में लॉकडाउन लगा दिया गया, तब खूंखार-खूंखार से अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने वाले आईपीएस अनुचेत ने प्रवासियों की मदद करने का बीड़ा उठाया। इनके इस काम की सराहना पुलिस विभाग के साथ-साथ आम लोगों ने भी की।

लाइमलाइट से दूर- अनुचेत एक ऐसे अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं जो लाइमलाइट से दूर चुपचाप अपना काम करते हैं। अनुचेत लॉकडाउन में जनता की भलाई के लिए किए गए विभिन्न प्रयासों में सबसे आगे दिखते रहे। इस दौरान उन्होंने सुनिश्चित किया कि प्रवासियों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचा दिया जाए। प्रवासियों के बीच राशन को वितरण करवाया।

एमएन अनुचेत को गौरी लंकेश केस में बेहतरीन और सटीक जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से ‘जांच में उत्कृष्टता के लिए पदक’ से सम्मानित किया गया है।



ऐसी ही पोस्ट पाने के लिए अभी सब्सक्राइब करें।



from COME IAS हिंदी https://ift.tt/3vRjE65

Post a Comment

और नया पुराने