पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Imran Khan-Xi Jinping)
Pakistan Army in China: पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों को चीन में तैनात किया जा रहा है. इस बात की जानकारी खुफिया रिपोर्ट में सामने आई है. अधिकारियों की तैनाती वेस्टर्न और साउदर्न थियेटर कमांड में की गई है.
चीन के पीएलए में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी: पाकिस्तान डूबती अर्थव्यवस्था के बीच देश चलाने के लिए किस कदर तक चीन की गुलामी कर रहा है, इससे पूरी दुनिया वाकिफ है. लेकिन अब एक ऐसी जानकारी सामने आई है, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. पाकिस्तान के सैन्य अफसरों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के मुख्यालय में तैनात किया जा रहा है (Pakistan China Army). एक मीडिया रिपोर्ट में इंटेलिजेंस इनपुट के हवाले से बताया गया है कि सैनिक चीन के वेस्टर्न थियेटर कमांड और साउदर्न थियेटर कमांड में भी तैनात किए गए हैं.
ये तैनाती पाकिस्तान और चीन के बीच इंटेलिजेंस शेयरिंग अरेंजमेंट के आधार पर हुई है (Pakistan Army Officers in China). रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सेना के कर्नल रैंक के अधिकारी सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के जॉइंट स्टाफ डिपार्टमेंट में तैनात हैं, जो चीन के सशस्त्र बलों के लिए युद्ध की योजना, प्रशिक्षण और रणनीति बनाने के लिए जिम्मेदार है. रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि पाकिस्तान के करीब 10 अतिरिक्त सैन्य अधिकारी, रक्षा अटैचमेंट के अलावा खरीद संबंधी परियोजनाओं के लिए बीजिंग में पाकिस्तान दूतावास में भी तैनात हैं.
कहां तैनात होती हैं दोनों कमांड?
पाकिस्तान की सेना लगातार चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) और चीनी नागरिकों को सहयोग दे रही है. सैनिकों की तैनाती से दोनों देशों के बीच आने वाले तनाव के मुद्दों को कम करने की कोशिश हो रही है. पीएलए के वेस्टर्न थियेटर कमांड (China Western Theatre Command) का काम भारत से लगने वाली सीमा, शिंजियांग और तिब्बत से लगने वाली सीमा की निगरानी करना है. जबकि साउदर्न थियेटर कमांड (China Southern Theatre Command) हांगकांग और मकाऊ जैसे क्षेत्रों की सीमा की निगरानी करती है. कहीं आर्थिक मदद ना रुक जाए, इस डर से पाकिस्तान चीन को हर तरह की सहायता दे रहा है.
सीपीईसी की रक्षा में जुटा पाकिस्तान
पाकिस्तानी अखबार डॉन की 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (China Pakistan Economic Corridor) और इस काम में शामिल लोगों की सुरक्षा के लिए अपने अर्धसैनिक बलों के 9000 सैनिकों और 6000 कर्मियों के साथ एक विशेष सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की थी. साल 2019 में पाकिस्तान सेना ने कहा कि वह चीनी नागरिकों और सीपीईसी परियोजनाओं (CPEC Projects) की रक्षा के लिए तैनात विशेष सैनिकों की संख्या बढ़ाएगी. इस परियोजना को पाकिस्तान और चीन के बीच दोस्ती के प्रमाण के रूप में संदर्भित किया जाता है.
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