बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Bangladesh PM Sheikh Hasina)
असली रावण तो सदियों पहले मारा गया लेकिन रावण रूपी कई तरह की बुराई आज भी जिंदा है. जो अलग-अलग रूपों में लोगों को लगातार जकड़ती जा रही है. ऐसे में सिर्फ रावण के पुतले के दहन की रस्मअदायगी से ज्यादा जरूरी है, अपने अंदर के रावण को खत्म करना. ऐसी ही 10 बुराइयों से बचने के बारे में सुनिए खुद रंगमंच के दशाननों से.
कट्टरता चाहे किसी भी मुल्क में हो नुकसान पूरी दुनिया में मानवता और अधिकारों का होता है. अपने पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में कट्टरता की वजह से अल्पसंख्यक हिंदुओं के धार्मिक अधिकार को चोट पहुंची है. बांग्लादेश में चंद उन्मादी और कट्टरपंथी लोगों ने जगह-जगह दुर्गा पूजा पंडालों पर जो हमला किया था, उसमें अबतक चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं. खबर ये भी आई है कि कट्टरपंथी दुर्गापूजा पंडालों और मंदिरों को जब निशाना बना रहे थे. तब कई बार बुलाने के बाद भी पुलिस नहीं आई और मां दुर्गा की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. कई जगहों पर पूजा पंडालों को फूंक दिया गया.
शेख हसीना ने सख्त एक्शन का भरोसा दिया
हालांकि आज देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए ठोस कार्रवाई का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा है कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. बांग्लादेश सरकार ने 22 जिलों में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती भी की है. भारतीय विदेश मंत्रालय हिंदुओं के खिलाफ हुई इस हिंसा को लेकर लगातार फिक्रमंद है और बांग्लादेश सरकार के साथ संपर्क में हैं. क्योंकि बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी करीब 10 फीसदी है. 2014 से 2015 के बीच बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी करीब एक फीसदी बढ़ी है.
बता दें कि 1951 में जब बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था तो इस इलाके में कुल आबादी में हिंदुओं की संख्या 22% थी. बांग्लादेश में 2011 में हुई जनगणना में हिंदुओं की आबादी 8.4% थी, यानी यहां हिंदू आबादी घटी थी. लेकिन, बांग्लादेश के एक सरकारी आंकड़े में बताया गया कि 2015 में मुल्क में हिंदू आबादी करीब 10.7% थी. मतलब एक बार फिर बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी बढ़ी है. बांग्लादेश के विकास में हिंदुओं की बड़ी भूमिका रही है. लेकिन बांग्लादेश के हिंदुओं के खिलाफ साजिशें भी हमेशा होती रही है. अब उम्मीद है कि बांग्लादेश की सचेत सरकार इस साजिश को भी नाकाम करेगा.
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