फिल्ममेकर अशोक पंडित ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और यूपी पूर्व सीएम अखिलेश यादव के बयानों पर तंज कसा है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘अगर आम आदमी पार्टी गोवा में सत्ता में आयी तो, हिंदू, ईसाइयों और मुस्लिमों को भी उनके तीर्थ स्थल तक मुफ्त में यात्रा करवाया जाएगा। हम अजमेर शरीफ से शिरड़ी तक की यात्रा भी कराएंगे, अयोध्या की यात्रा कराएंगे।’ सीएम केजरीवाल के इस बयान पर मजाकिया अंदाज में अशोक पंडित ने रिएक्शन दिया- ‘एक यात्रा सीएम से लेकर टूर ऑपरेटर बनने तक की।’
वहीं अशोक पंडित ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के एक वीडियो पर भी तंज कसा है जिसमें अखिलेश यादव सरदार पटेल से लकर जिन्ना तक को लेकर बयान देते नजर आते हैं। अखिलेश यादव के मंच से देते इस भाषण को सुन अशोक पंडित ने कहा- ‘समाजवाद भूले, लोहिया को भूले, सरदार पटेल की आड़ में जिन्ना तो महान बताने वाले अखिलेश यादव की सोच व सच्चाई सामने आ गई है। उन्हें अपने इस बयान के लिए देश से माफ़ी मांगनी चाहिए।’
दरअसल, रविवार को हरदोई में एक जनसभा के दौरान जनता को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा था-‘सरदार पटेल जमीन को पहचानते थे और जमीन को देखकर फैसले लेते थे, वह जमीन को समझ लेते थे तभी फैसला लेते थे, इसीलिए आयरन मैन के नाम से जाने जाते थे। सरदार पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़ कर बैरिस्टर बन कर आए थे। एक ही जगह पर पढ़ाई लिखाई की। वो बैरिस्टर बने उन्होंने आजादी दिलाई अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा होगा तो वो पीछे नहीं हटे।’
इस पोस्ट पर रिएक्ट करते हुए रोहित सिंह नाम के एक यूजर ने कहा- ‘हिंदुस्तान में आज भी अगर लाखों घर और परिवार के कातिल का नाम लेकर चुनावी रणनीति सधी जा रही है, तो ये दुर्भाग्य है। ऐसे चापलूस नेताओं को देश का हर वर्ग नकार देगा। बहुत मुद्दे हैं देश में जो राजनीति के लिये प्रबल हैं। हमारे नेताओं को बताना होगा जिन्ना-पाकिस्तान अब नहीं।’
बसंत राम नाम के यूजर ने कहा- ‘लालकृष्ण आडवाणी ने पाकिस्तान में जाकर जिन्ना को महान कहा। उसकी खूब प्रसंशा किया। पाकिस्तान के पत्रकार ने जब उन्हें याद दिलाया कि हिंदुस्तान में ये बातें पसंद नहीं की जाएंगी तो आडवाणी ने जवाब दिया कि “मैं इसकी परवाह नहीं करता।” भारत के लोगों की अडवाणी परवाह नहीं करते।’ डेविड नाम के यूजर ने कहा- ‘यह स्पीच कश्मीरी स्टूडेंट्स को प्रोटेक्ट करने के लिए दी गई है, जिन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।’
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