खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2020 के विजेताओं को सोमवार को ट्रॉफी सौंपी क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल पुरस्कार समारोह का आनलाइन आयोजन किया गया था। राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2020 के विजेताओं को पहले ही नकद पुरस्कार दिया जा चुका था लेकिन महामारी के कारण वे अपनी ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र नहीं ले पाए थे। खेल मंत्रालय ने पिछले साल 29 अगस्त को 74 राष्ट्रीय खेल पुरस्कार दिए थे जिसमें पांच राजीव गांधी खेल रत्न (अब नाम परिवर्तित करके मेजर ध्यानचंद खेल रत्न किया गया) और 27 अर्जुन पुरस्कार शामिल थे।
सोमवार को समारोह में हिस्सा लेने वाले पुरस्कार विजेताओं में महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल, स्टार पहलवान विनेश फोगाट और 2016 पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलु आदि शामिल थे जिन्हें प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार दिया गया। टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन, क्रिकेटर इशांत शर्मा, धाविका दुती चंद, तीरंदाज अतनु दास ओर बैडमिंटन खिलाड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी अर्जुन पुरस्कार ट्रॉफी लेने वालों में शामिल रहे।
आज खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करना अद्भुत था। जैसे ही मैं अपनी सीट पर वापस चला गया, पुरस्कार धारण करते हुए, मुझे उन वर्षों में वापस ले जाया गया जब मैंने बुनियादी उपकरणों के लिए कड़ी मेहनत की, कभी-कभी बुनियादी पोषण भी एक हॉकी खिलाड़ी बनने के लिए आवश्यक था। pic.twitter.com/tLFGVmVgmI
— Rani Rampal (@imranirampal) 1 नवंबर, 2021
ठाकुर ने समारोह के दौरान कहा, ‘राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्रतिष्ठित पुरस्कार हैं जिन्हें खिलाड़ी वर्षों के समर्पण और कड़ी मेहनत के बाद हासिल करते हैं। सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई और भविष्य की योजनाओं के लिए शुभकामनाएं। पुरस्कार विजेताओं की यात्रा यहीं समाप्त नहीं होगी तथा और अधिक उपलब्धियां हासिल होगी।’
उन्होंने कहा, ‘हमें प्रतिभावान खिलाड़ियों की खोज, उन्हें निखारने की प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने में सक्षम बनाना चाहिए। इसलिए मैं सभी खिलाड़ियों से आग्रह करता हूं कि वे ऐसे पांच खिलाड़ियों को निखारने और ट्रेनिंग देने की शपथ लें जो भविष्य में भारत के लिए पदक जीत सकते हैं।’ समारोह में खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, युवा मामलों की सचिव उषा शर्मा और मंत्रालय तथा भारतीय खेल प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
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