डेंटिस्ट से IAS अधिकारी बनीं अपाला मिश्रा दो बार प्रीलिम्स भी नहीं कर पाई थीं क्लियर, दिन में 7-8 घंटे करती थीं पढ़ाई


डॉ. अपाला मिश्रा ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी में 9वीं रैंक हासिल की। उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हो गया। जानिए कैसे मिली
उन्हें कामयाबी-

UPSC को लेकर देश के पढ़े-लिखे युवाओं में एक अलग क्रेज देखने को मिलता है। इस परीक्षा में हर साल लाखों कैंडिडेट्स हिस्सा लेते हैं, लेकिन सफलता चुनिंदा प्रतिभागियों को ही मिल पाती है। UPSC – 2020 के नतीजे घोषित हो चुके हैं, इसमें दिल्ली से सटे गाजियाबाद की रहने वाली अपाला मिश्रा ने 9वां स्थान प्राप्त किया है। इसी के साथ अपाला अपने बचपन का सपना पूरा करने में भी कामयाब हो गई हैं, क्योंकि उन्होंने IAS मिल गया है।

अपाला के पिता अमिताभ मिश्रा आर्मी में कर्नल रहे हैं और बड़े भाई अभिलेख मेजर हैं। वहीं, मां अल्पना मिश्रा दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिंदी फैकल्टी में प्रोफेसर हैं। अपाला ने शुरुआती पढ़ाई देहरादून से की थी और इसके बाद वह दिल्ली आ गई थीं। 2017 में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी करने के बाद अपाला डॉक्टर बन गई थीं, लेकिन वह आईएएस बनने का सपना देख रही थीं। माता-पिता चाहते थे कि वह डॉक्टरी को ही प्रोफेशन के तौर पर अपनाएं, लेकिन जब उन्होंने माता-पिता से अपने दिल की बात साझा की तो वह भी इस पर राजी हो गए।

7-8 घंटे करती थीं पढ़ाई: अपाला मिश्रा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वह डॉक्टर बनकर महिलाओं के बीच जागरूकता फैलाना चाहती थीं, लेकिन डेंटिस्ट के फाइनल ईयर के दौरान ही उनका झुकाव यूपीएससी की तरफ हुआ था। अपाला ने कहा, मुझे पता था कि सिविल सर्वेंट बनना बिल्कुल भी आसान नहीं है। यही वजह थी कि मैंने 7-8 घंटे पढ़ाई करने का रूटीन बनाया था और आपको भी अगर यूपीएससी क्लियर करनी है तो इतनी तो पढ़ाई करनी ही चाहिए।

अपाला मिश्रा का ये तीसरा प्रयास था। इससे पहले भी वो दो प्रयास दे चुकी थीं और इनमें वह प्रीलिम्स तक भी क्लियर नहीं कर पाई थीं। उन्होंने पहला प्रयास इस परीक्षा का सिलेबस समझने के लिए दिया था। अपाला कहती हैं, इसके बाद मैंने अपनी रणनीति में बदलाव किया था और बिल्कुल नए तरीके से दोबारा तैयारी शुरू की। बीच में कई बार ऐसा समय भी आया जब मैंने कठिनाइयों का सामना भी किया।

अपाला का मानना है कि इस परीक्षा को क्लियर करने के लिए अनुशासन भी बहुत जरूरी होता है. उनके पिता आर्मी में रहे हैं, भाई आर्मी में हैं तो उनके लिए ये और भी ज्यादा आसान था। उनका मानना है, अनुशासन के बिना यूपीएससी ही नहीं, आप किसी भी चुनौती को पार नहीं कर सकते।



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