ओम प्रकाश गुप्ता ने तीसरे प्रयास में UPSC में सफलता हासिल की थी। उनके पिता किराना स्टोर चलाते थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज वह IPS अधिकारी हैं।
पिता चलाते थे किराना स्टोर: ओम प्रकाश गुप्ता ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था, ‘कई बार हमने देखा है कि लोगों के जीवन में आने वाली परेशानियों से वह हार जाते हैं। मुझे विश्वास है कि आपको मेरी कहानी से बहुत मदद मिलेगी। मेरे पिता के पास एक दुकान थी और एक ही कमरा था। बहुत बड़ा परिवार था और किसी को स्कूल के बारे में पता ही नहीं था। पारिवारिक कलह के कारण 5-6 साल की उम्र में मुझे किसी व्यक्ति के पास पढ़ने के लिए भेजा गया। यहां मैंने पहली बार पहाड़े सीखे।’
ओम प्रकाश का इसके बाद सरकारी स्कूल में एडमिशन करवा दिया गया। मैंने इंजीनियरिंग के बारे में सुना था, लेकिन उस दौरान ये नहीं पता था कि IIT क्या होती है? बाद में मैं पढ़ाई करने के लिए पटना आ गया। गणित को लेकर मुझे जो एटीट्यूड चाहिए था तो वो मेरे अंदर था। मुझे पहले ही प्रयास में IIT में एडमिशन मिल गया। यहां के बाद मैं जब कॉलेज में गया तो लोगों ने कहा कि तुम बहुत अच्छा कर सकते थे अगर तुम्हें सपोर्ट अच्छा मिलता।
एक घटना ने बदला जीवन: IIT में पहुंचने के बाद मुझे बताया गया था कि यहां रैगिंग होती है। पहले साल में मेरा चुनाव में खड़े होने पर मजाक बनाया गया। अगले साल, मैं चुनाव में खड़ा हुआ और मैं चुनाव जीत गया। मैंने जब काम करना शुरू किया तो देखा कि मेरे बहुत सारे काम से चीजें बदलने लगीं। मुझे समझ में आया कि अगर मैं अथॉरिटी वाली पॉजिशन में रहूं तो बहुत कुछ बदल सकता हूं। यहीं से मेरे दिमाग में पहली बार UPSC की तैयारी करने का ख्याल आया। लेकिन ये सब अचानक नहीं हो सकता था क्योंकि मेरे ऊपर पहले ही बहुत सारी जिम्मेदारी थी।
शुरू की तैयारी: साल 2012 में IIT से ग्रेजुएट होने के बाद ओम प्रकाश ने कुछ साल तक बच्चों को पढ़ाया और नौकरी भी की। इसके बाद साल 2017 में उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने पुराने पेपर्स और तैयारी के आधार पर एक ही महीने में BPSC का एग्जाम दे दिया। ओम प्रकाश ने बताया था, ‘एग्जाम देते हुए मेरे हाथ तक कांप रहे थे।’ दो प्रयासों के बाद भी UPSC में चयन नहीं हो पाया। तीन साल तैयारी के बाद मैंने तीसरा प्रयास दिया। आखिरकार तीसरे प्रयास में मैं कामयाब हो गया। उसी साल मेरा BPSC का रिजल्ट भी आया जिसमें मैंने टॉप किया था।
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