भारत-नेपाल के बीच की दरारों को भरने वाली यात्रा

To Download Click Here.

भारत-नेपाल संबंधों की एक लंबी परंपरा रही है। दोनों देशों के बीच दक्षिण एशिया में सबसे अच्छे संबंध होने चाहिए थे। लेकिन नेपाल की राजनीति में आए आंतरिक उतार-चढ़ाव के कारण दोनों ही देश इन संबंधों के लाभों को भुनाने में असमर्थ रहे हैं। पड़ोसी पहले की अपनी नीति पर चलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में चार बार नेपाल की यात्रा की थी। हाल ही में हुई उनकी नेपाल यात्रा में द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए लुंबिनी को चुना गया था। भगवान बुद्ध का जन्मस्थान होने के कारण दोनों ही देश इस स्थान के साथ बहुस्तरीय और बहुआयामी संबंध रखते हैं।

यात्रा से लाभ –

  • नेपाल के पूर्व राजदूत के अनुसार नेपाल की भारत पर अत्यधिक निर्भरता से दोनों देशों के संबंधों में जटिलता आ गई थी। नेपाल के अधिशेष जलविद्युत के भारत को निर्यात करने से स्थिति को पलटा जा सकता है। इस पर समझौता किया गया है।
  • इस यात्रा की दूसरी प्रमुख उपलब्धि लुंबिनी का तीर्थ स्थान के रूप में विकसित करने से संबंधित है। यह स्थान सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। यह बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर से जुड़ा हुआ है। अतः यहाँ एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन लिंक बनाने का संकल्प लिया गया है, जो बुद्ध के जीवन पर केंद्रित हो। क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से आगे बढ़ाने के लिए भी अन्य योजनाएं प्रस्तुत की गई हैं।
  • चीन के नेपाल पर बढ़ते प्रभाव और भारत-नेपाल सीमा विवाद के मामले में पुराने वैमनस्य को दूर करने के लिए दोनों देशों को कुछ पुरानी संधियों पर पुनर्विचार करना होगा। इनमें 1950 की शांति और मित्रता संधि एक है। भारत इस संधि की समीक्षा, संशोधन या अपडेटिंग पर विचार करने को तैयार है।

नेपाल ने 2017 में चीन की बेल्ट-रोड योजना में भाग लिया था। परंतु चीन भारत की तरह नेपाल को कोई अतिरिक्त अनुदान वगैरह नहीं देता है। नेपाल में अपने निवेश और विकास साझेदारी को बढ़ाने से भारत को चीन की समस्या का समाधान करने में मदद मिल सकती है।

भारत और नेपाल अपने सीमा-विवादों को भी हल कर सकते हैं। इस वर्ष के अंतिम चरण में नेपाली संसदीय चुनाव होने वाले हैं। इन चुनाव परिणामों का प्रभाव भारत-नेपाल संबंधों के भविष्य पर भी पडे़गा।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित जयंत प्रसाद के लेख पर आधारित। 19 मई, 2022

The post भारत-नेपाल के बीच की दरारों को भरने वाली यात्रा appeared first on AFEIAS.


Post a Comment

और नया पुराने