To Download Click Here.
दुनिया भर में ऋण के लिए बाजार में सख्ती दिखाई दे रही है। इस प्रवृत्ति ने निजी निवेशकों को जोखिम का पुर्नमूल्यांकन करने के लिए प्रेरित कर दिया है। पिछले तीन महीनों से स्टार्ट अप वैल्यूएशन गिर गया है। निवेशकों से नई पूंजी प्राप्त नहीं की जा सकी है। कंपनियाँ अपने अतिरिक्त शेयर कम कीमत पर बेचने को तैयार हैं। फंडिंग के अकाल की इस स्थिति में स्टार्टअप्स को अपनी रणनीति को मोड़ने पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन कैसे –
- निवेशक लाभ के लिए रास्ता ढूंढते हैं। अतः स्टार्टअप्स को हाइपरस्केलिंग की ओर मुड़ना चाहिए। इससे टिकाऊ व्यापार मॉडल के लिए जमीन मिलती है।
- कंपनियों को ऐसे उत्पादों की कल्पना, डिजाइन और निर्माण करना होगा, जो मंदी सहन करने की क्षमता रखते हुए, ग्राहकों को स्थायी मूल्य प्रदान कर सकें।
- संकट के दौरान कंपनियां अधिक वेतन पर कर्मचारी रखने की नीति में सुधार कर सकती हैं।
- ऐसा संकट नवाचार में निवेश करने का एक अवसर प्रदान करता है।
ये सभी नियमित तौर पर भी अपनाए जाने वाले नुस्खे हैं, जो संकट के दौर में अधिक प्रभावी हो जाते हैं। वैसे भी स्टार्टअप फाउंडर को यह पता होना चाहिए कि वे व्यापार नियमों के समान सेट के अंतर्गत काम करते हैं। इन नियमों में बंधकर, अतिरिक्त मूल्यांकन की उम्मीद नहीं की जा सकती है। अब आसान निवेश का युग समाप्त हो चला है। निवेशक जाग चुके हैं, और सोच-समझ कर निवेश करने वाले हैं। स्टार्टअप फाउंडर को भी इसी दिशा में चलना चाहिए।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 13 अगस्त, 2022
The post आर्थिक मंदी से प्रभावित स्टार्टअप्स appeared first on AFEIAS.
एक टिप्पणी भेजें