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कोविड महामारी के बाद अब पूरे विश्व में पर्यटन एक बार फिर से जोर पकड़ने लगा है। इसे ‘रिवेंज ट्रैवल’ का भी नाम दिया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि लोग कोविड के दौरान बंदिशों में रहने के बाद अब उस काल की भी पूर्ति कर रहे हैं। लोग बड़े-बड़े समूहों में खर्चीली यात्राएं कर रहे हैं या करने को उत्सुक हैं। इसे देखते हुए यात्रा उद्योग की क्षमता बढ़ाई जा रही है। परिवहन लागत भी बढ़ गई है। साथ ही सुविधाओं को अपग्रेड किया जा रहा है।
दुर्भाग्यवश, वैश्विक स्तर पर व्यापार की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसके कारण बिजनेस यात्राएं नहीं के बराबर हो रही हैं। अर्थव्यवस्थाओं की गिरती हुई स्थिति को देखते हुए पर्यटन पर खर्च करने की क्षमता के भी जल्दी ही चुक जाने की आशंका है।
भारत के घरेलू पर्यटन में बजट यात्रियों की ही अधिकता है। यह एक अच्छा अवसर है जब भारत को एक गंतव्य के रूप में प्रचारित करके अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को आकर्षित किया जा सकता है। भारत को पर्यटक-आकर्षण बनाने के लिए कुछ बिंदु –
- यात्रा और आतिथ्य-सत्कार एवं बुनियादी ढांचे को अधिक अच्छा करके एक शानदार गंतव्य बनाया जा सकता है।
- चीन जैसे देशों में चल रहे कोविड प्रतिबंधों का लाभ भारतीय पर्यटन को मिल सकता है।
- विवाह स्थलों के रूप में स्थलों का विकास करना।
- घरेलू धार्मिक यात्राओं की व्यवस्था को बढ़ाना।
- मेडिकल टूरिज्म की संभावना को और विकसित करना।
देश के राज्यों को चाहिए कि अपनी सांस्कृतिक सीमाओं को एक किनारे रखकर रेल रोड और वायु के बुनियादी ढांचे को ऐसा मजबूत बना दें कि पर्यटकों के लिए मुख्य दर्शनीय स्थल सुगम्य हो जाएं। भारत में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और इसे भुनाने का यह सही अवसर है।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 19 नवंबर, 2022
The post भारतीय पर्यटन उद्योग के फलने-फूलने का समय appeared first on AFEIAS.
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