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कुछ बिंदु-
- कामकाजी महिलाओं के लिए आयकर की दरें कम की जा सकती हैं। पुरूषों के मुकाबले महिलाओं के लिए कम आयकर दरों का लाभ न केवल कामकाजी महिलाओं, बल्कि कार्यबल से बाहर रहने वाली महिलाओं को भी होगा। पुरूष-प्रधान परिवारों को अपनी बेटी या बहू को काम पर भेजने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
- दूसरा प्रोत्साहन लड़की के माता-पिता को दिया जाना चाहिए। लड़कियों के नाम पर निवेश करने पर अभिभावकों को कर में छूट दी जानी चाहिए। निवेश के प्रकार पर कोई बंधन न लगाया जाए। छूट के लिए निवेश की न्यूनतम राशि और अधिकतम राशि की सीमा निर्धारित की जा सकती है।
लड़कियों के वयस्क होने पर भी छूट दी जानी चाहिए। इससे महिलाओं को भी लाभ मिल सकता है। कर में छूट के लाभ के प्रोत्साहन से लड़कियों के नाम पर निवेश की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।
यूं तो सरकार ने बेटियों के सशक्तीकरण के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं, कामकाजी महिला हॉस्टल, महिला ई-हाट, स्वाधार गृह, महिला प्रशिक्षण एवं रोजगार कार्यक्रम, महिला शक्ति केंद्र, उज्जवला योजना जैसे प्रयास किए हैं। ये सभी महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण में योगदान दे रहे हैं। कर में छूट जैसे कदम इस प्रयास को और अधिक मजबूती प्रदान कर सकते हैं। अतः इस पर विचार किया जाना चाहिए।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 21 जनवरी, 2023
The post हम भारत को महिलाओं के लिए बेहतर जगह कैसे बना सकते हैं? appeared first on AFEIAS.
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