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- हाल ही में जम्मू-कश्मीर में लगभग 50 लाख टन लिथियम के भंडार का पता चला है। स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ते भारत के लिए यह एक अच्छी खबर है।
- सन् 2021 में एटॉमिक मिनरल्स डायरेक्टरेट फॉर एक्सप्लोरेशन एण्ड रिसर्च ने सतही और उप सतही सर्वेक्षण में कर्नाटक में 1600 टन लिथियम के भंडार की खोज की थी।
- 2021-22 में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने लिथियम और उससे जुड़े अन्य खनिजों के लिए अरूणाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान में पाँच योजनाओं पर काम शुरू किया था।
- भारत में स्वच्छ ऊर्जा, स्वचालन और डिजिटलीकरण के लिए महत्वपूर्ण खनिज, कुछ क्षेत्रों में ही केंद्रित हैं, और उनका प्रसंस्करण अभी भी कम है।
- खनिजों की खोज को बढ़ाने के लिए नीति और संस्थागत ढांचा होना चाहिए। सर्वेक्षण के लिए तंत्र में सुधार होना चाहिए। खनन के लिए पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों हेतु एक सशक्त सेट की जरूरत है।
- ऊर्जा सुरक्षा के लिए आपूर्ति सुरक्षित करना जरूरी है।
- द्वितीयक स्रोतों से रिकवरी के लिए पार्टनरशिप और समझौतों के अलावा, रिसाइक्लिंग भी जरूरी है।
- लिथियम खोजने से अन्य ऊर्जा विकल्पों में बाधा नहीं आनी चाहिए।
भारत ने चाहे लिथियम के दो बड़े भंडारों की खोज कर ली हो, लेकिन प्रयोग करने योग्य रिजर्व के आकार का निर्धारण, खदान का विकास और लिथियम के उत्पादन में अभी समय लगेगा।
भारत सरकार को एक महत्वपूर्ण खनिज रणनीति विकसित करनी चाहिए, जो जरूरतों का आकलन करे, आपूर्ति सुरक्षित करे, कुशल निष्कर्षण के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास कर सके।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 13 फरवरी, 2023
The post भारत में स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत लिथियम व अन्य खनिजों पर कुछ बिंदु appeared first on AFEIAS.
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