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भूकंप से प्रभावित एक सुदूर क्षेत्र की कल्पना कीजिए। बचाव दल उड़ान भर रहे हैं। हालाँकि, वे बहुत कुछ कर नहीं सकते क्योंकि वहां स्थानीय चिकित्सा सुविधा मौजूद नहीं है। ऐसी स्थितियों में आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए ‘आरोग्य मैत्री सहायता क्यूब अस्पताल’ डिजाइन और निर्मित किया गया है। रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् ने प्रोजेक्ट भीष्म या बीएचआईएसएचएम (भारत हैल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित एण्ड मैत्री) के अंतर्गत इसे तैयार किया है।
कुछ बिंदुओं में इस अस्पताल की विशेषताएं –
- इस अस्पताल में आईसीयू, पोर्टेबल एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड मशीने आदि हैं। ये सभी वाटरप्रूफ और ऊर्जा संचालित क्यूब में बने हुए हैं।
- इसमें शामिल 3 क्यूब को पांच प्रशिक्षित व्यक्ति एक घंटे में अस्पताल की तरह तैयार कर सकते हैं, और हर कोई 200 व्यक्तियों का इलाज कर सकता है।
- भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में, हड्डी से जुड़ी चोटों और रक्त-स्राव को रोकने के लिए तैयार क्यूब भी ले जाए जा सकते हैं।
इस प्रकार के अस्पताल जीवन की रक्षा में बहुत सहायक सिद्ध हो सकते हैं। सार्वजनिक जीवन पर केंद्रित ऐसे नवाचार, अनेक चुनौतियों का समाधान करते हैं। ऐसे अविष्कार, विश्व के अनेक देशों (विशेषकर मित्र विकासशील राष्ट्रों) के साथ कूटनीतिक सद्भावना बढ़ाने में भी सहयोगी हो सकते हैं।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 12 दिसंबर, 2023
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