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- एक सप्ताह तक हर दिन सुबह-शाम कंधों पर बंदूक लेकर मैदान में दो घंटे बिताएंगे, चरित्र भूमिका में सजा भी दर्ज होगी।
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रेप का आरोपी रिटायर इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी
दुष्कर्म के आरोप में जेल गए रिटायर इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी को प्राइवेट कार से पेशी पर ले जाने के मामले में जांच पूरी हो गई। रेप के आरोपी को लग्जरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का दोषी दोनों सिपाहियों को पाया गया है। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने उन्हें शारीरिक दंड दिया है।
रेप के आरोपी रिटायर इंस्पेक्टर को लग्जरी कार से ले गए थे दूसरे जिले की कोर्ट
चकेरी में एक 11 साल की बच्ची से रेप के आरोपित रिटायर्ड इंसपेक्टर दिनेश त्रिपाठी को बीते गुरुवार एक निजी वाहन से कानपुर जेल से माती कोर्ट में पेश किया गया था। नियमों के अनुसार उसे सरकारी वाहन से ले जाना चाहिए था, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर इंस्पेक्टर को लग्जरी कार से ले जाया गया था। सोशल मीडिया पर रिटायर इंस्पेक्टर की तस्वीरें वायरल होने पर पुलिस की फजीहत हुई तो पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने जांच बैठाई थी। मामले की जांच कर रहे एडीसीपी लाइन बसंतलाल ने मुख्य आरक्षी प्रेमपाल और आरक्षी धर्मेन्द्र को दोषी पाया है। उनपर लगाए गए आरोप सही हैं। पुलिस कमिश्नर ने दोनों सिपाहियों को नियमों की अनदेखी करने का दोषी पाया गया। उन्हें सात दिन की दलेल की सजा दी गई है।
यह होती है दलेल की सजा
दलेल की सजा एक तरह से शारीरिक दंड है। इसमें दोषी पुलिस कर्मी को दोनों कंधों पर बंदूक लादकर सुबह शाम दो-दो घंटे परेड ग्राउंड के चक्कर लगाने पड़ते हैं। यही नहीं सजा की इंट्री पुलिस कर्मी की चरित्र पंजिका में भी की जाती है। लंबे समय बाद इस तरह का दंड किसी पुलिस कर्मी को दिया गया है। इसकी सूचना भी कमिश्नर की मीडिया सेल ने जारी की है।
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