
धान खरीद (सांकेतिक तस्वीर)
केंद्र ने वर्ष 2021-22 खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए ग्रेड ‘ए’ धान के लिए 1,960 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय किया है, जबकि सामान्य ग्रेड धान के लिए 1,940 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है.
केंद्र ने गुरुवार को पंजाब और हरियाणा में खरीफ धान की खरीद 11 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी क्योंकि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण फसल पकने में देरी हुई है. पंजाब में वर्ष 2021-22 के खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होनी थी, जबकि हरियाणा में आधिकारिक तौर पर 25 सितंबर से यह काम शुरू होना था. लेकिन बारिश के कारण वहां भी इसे स्थगित कर दिया गया था और 1 अक्टूबर से खरीद प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा हुई थी. अब केंद्र सरकार के फैसले के बाद दोनों राज्य 11 अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीफ फसलों की खरीद करेंगे.
खरीद का काम, केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी, भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा राज्य एजेंसियों के साथ किया जाता है. बयान में कहा गया है कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए और उन्हें किसी भी असुविधा से बचाने के लिए, मंत्रालय ने फैसला किया है कि इन दोनों राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत धान की खरीद 11 अक्टूबर से शुरू होगी. सभी एजेंसियों को पंजाब और हरियाणा में 11 अक्टूबर से धान की खरीद के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं.
केंद्रीय पुल में योगदान करने वाला पंजाब प्रमुख राज्य
केंद्र ने वर्ष 2021-22 खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए ग्रेड ‘ए’ धान के लिए 1,960 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किया है, जबकि सामान्य ग्रेड धान के लिए 1,940 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है. पंजाब, केंद्रीय पूल में योगदान करने वाला प्रमुख राज्य है क्योंकि इस राज्य से औसतन 100 लाख टन से अधिक चावल की खरीद की जाती है. हरियाणा से खरीफ विपणन सत्र के दौरान 45 लाख टन से भी कम चावल खरीदा जाता है.
धान खरीद टालने पर शुरू हुई राजनीतिक बयानबाजी
दूसरी तरफ केंद्र सरकार के इस फैसले पर पंजाब में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के मद्देनजर किसानों से बदला लेने के तहत ऐसा कर रही है.
उन्होंने कहा कि पंजाब में पहले से ही किसानों की धान की फसल मंडियों में आनी शुरू हो चुकी है. लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने 10 दिन के लिए सरकारी खरीद को टाल दिया है. इसके पीछे पंजाब सरकार की भी नाकामी है जोकि अपनी कुर्सी की लड़ाई के चक्कर में पंजाब की जनता के हित भूल चुकी है और केंद्र के साथ मिलकर पंजाब के किसानों का नुकसान करवा रही है.
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