बारिश से प्रभावित पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद स्मृति मंधाना ने बताया कि वह पिछले तीन महीने से दिन रात्रि टेस्ट में इस्तेमाल होने वाली गुलाबी गेंद को अपने किट बैग में लेकर चल रही थीं।
ऑस्ट्रेलिया में आखिरी बार भारत की ही डायना एडुल्जी ने साल 1991 में टेस्ट क्रिकेट में छक्का लगाया था। अर्जुन अवार्ड और पदमश्री से सम्मानित एडुल्जी ने यह उपलब्धि ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट मैदान पर हासिल की थी। वहीं, स्मृति मंधना ने यह रिकॉर्ड 30 सितंबर 2021 को ऑस्ट्रेलिया के करेरा ओवल मैदान पर बनाया।
स्मृति मंधाना ने पारी के 40वें ओवर में ऑस्ट्रेलिया की तेज गेंदबाज ताहिला मैकग्रा की गेंद पर स्क्वायर लेग के ऊपर से पुल शॉट लगाते हुए छक्का जड़ा। दिन के खेल के बाद मंधाना ने बताया कि वह पिछले तीन महीने से दिन रात्रि टेस्ट में इस्तेमाल होने वाली गुलाबी गेंद को अपने किट बैग में लेकर चल रही थीं।
हालांकि, उन्होंने बताया कि गुलाबी गेंद से उन्हें अभ्यास का अधिक मौका नहीं मिला, लेकिन उससे परिचय का फायदा जरूर मिला। मंधाना पहले दिन का खेल खत्म होने के समय 80 रन बनाकर नाबाद थीं।
मंधाना ने पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमने केवल दो सत्र में गुलाबी गेंद से अभ्यास किया। मैं हंड्रेड (इंग्लैंड) में खेलकर आई थी। मुझे गुलाबी गेंद से खेलने का अधिक मौका नहीं मिला था, लेकिन हंड्रेड के दौरान मैंने गुलाबी कूकाबूरा गेंद मंगाई। मैंने उसे अपने कमरे में रखा, क्योंकि मैं जानती थी कि हम दिन रात्रि टेस्ट मैच में खेलेंगे, इसलिए मैं गेंद देखकर उसे समझना चाहती थी।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने वास्तव में इससे बल्लेबाजी नहीं की। मैंने केवल दो सत्र में इससे बल्लेबाजी की, लेकिन पिछले ढाई-तीन महीने से गुलाबी गेंद मेरे किट बैग में थी। मैं नहीं जानती कि मैंने उसे क्यों रखा हुआ था। मुझे अभ्यास के लिए समय मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।’ मंधाना ने अपने टेस्ट करियर का सर्वोच्च स्कोर बनाया, जिसकी बदौलत भारतीय महिला टीम ने पहले दिन एक विकेट पर 132 रन बनाए।
गुलाबी गेंद से टेस्ट मैच की तैयारियों के बारे में मंधाना ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हमें इसको लेकर काम करने का अधिक समय मिला। हम केवल कोशिश कर रहे हैं। बाहर बैठे लोगों ने मेरा दिन भर उत्साह बनाए रखा। उससे मदद मिली।’ भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने केवल गेंद का अच्छी तरह से आकलन करके अपने शॉट खेले।
उन्होंने कहा, ‘मैं स्कोर बोर्ड नहीं देखना चाहती थी। मैंने खुले मन से खेलने का प्रयास किया। गेंद का आकलन करके उसे उसी हिसाब से खेला। मैंने वास्तव में कोई रणनीति नहीं बनाई थी।’ मंधाना शतक के बारे में भी नहीं सोच रही हैं।
वह केवल क्रीज पर टिके रहने और टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचाने में मदद करने पर ध्यान दे रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अभी शतक के बारे में नहीं सोच रही हूं। टीम के लिए अभी जरूरी है कि मैं क्रीज पर टिकी रहूं। मेरा ध्यान केवल गेंद पर उसे अच्छी तरह से खेलने पर है।’
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