नई ऊंचाई पर लियोनल मेस्सी

ब्राजील के एडिसन अरांटेस डो नौसिमेंटो पेले को फुटबॉल का जादूगर माना जाता है।

ब्राजील के एडिसन अरांटेस डो नौसिमेंटो पेले को फुटबॉल का जादूगर माना जाता है। जादूगर उन्हें सिर्फ पांव की कलाकारी से ही नहीं माना जाता, हासिल की गई उपलब्धियां उनकी महानता की गवाह है। इसलिए जब भी किसी खिलाड़ी से उनकी तुलना की जाती है तो उनके दो विश्व खिताब दूसरों पर भारी पड़ते हैं। खेल जीवन में जिसने 1217 गोल बनाए हों, वो असाधारण फुटबॉलर तो होगा ही। हां, उनके द्वारा हासिल की गई उपलब्धियां हमेशा बनी रहेंगी, इसकी कोई गारंटी नहीं। इसलिए खेल के अलग-अलग दौर में उभरी प्रतिभाएं रेकॉर्डों पर निशाना साधती हैं। खिलाड़ी की फिटनेस और प्रदर्शन में निरंतरता इसमें अहम होती है।

रेकॉर्ड टूटने के लिए ही बनते हैं। इसमें समय जरूर लगता है पर कोई न कोई खिलाड़ी अपने जादुई टच से इसे पाता है। पेले का एक रेकॉर्ड हाल ही में टूटा है। इसे तोड़ने का श्रेय किसी ब्राजीली खिलाड़ी को नहीं, अर्जेंटीना के लियोनल मेस्सी को जाता है। चंद रोज पहले विश्व कप क्वालीफायर मुकाबले में बोलीविया के खिलाफ हैट्रिक जमाकर उन्होंने स्टाइल में इस रेकॉर्ड को तोड़ा।

पेले के नाम 77 अंतरराष्ट्रीय गोल बनाने का रेकॉर्ड था। यानी फुटबॉल खेलने वाले दक्षिण अमेरिकी देशों के खिलाड़ियों में सर्वाधिक। पेले ने अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में ये गोल बनाने के लिए 92 मैच खेले थे। 50 साल बाद मेस्सी ने इसे बेहतर किया है। लेकिन मेस्सी ने इसके लिए उनसे 61 मैच ज्यादा खेले। इससे यह स्पष्ट है कि पेले कितने जबरदस्त स्ट्राइकर थे।

गोल बनाने के मामले में मेस्सी फुटबॉल के बादशाह पेले से आगे जरूर निकल गए हैं पर उनके लिए भी रेकॉर्ड को कायम रखना चुनौती होगा क्योंकि ब्राजील के ही एक कुशल फॉरवर्ड नेमार इस ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। नेमार 113 मैचों में 69 गोल दाग चुके हैं। दक्षिण अमेरिकी खिलाड़ियों में उरुग्वे के सुआरेज भी 64 गोल बनाकर इस लक्ष्य के करीब आ रहे हैं।

मेस्सी 2005 से अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर सक्रिय हैं। उन्होंने पेले के रेकॉर्ड को तोड़ने में 16 साल लगा दिए। पेले ने 1957 से 1971 तक सक्रिय रहकर 14 साल का समय लिया था। अगर चोट से उनका करिअर प्रभावित नहीं होता तो शायद समय कम होता और गोलों की संख्या ज्यादा। लेकिन उनके अपने देशवासी नेमार ज्यादा अचूक साबित हो रहे हैं। उन्होंने सिर्फ 113 मैचों में 69 गोल ठोंक दिए हैं। यानी मात्र 11 साल में क्योंकि 2010 में वे अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर आए थे। 2007 से खेल रहे सुआरेज अब तक 64 गोल जमा चुके हैं।

34 वर्षीय मेस्सी में एक बेहतरीन फुटबॉलर के सभी गुण हैं। अपने क्लब की सफलताओं में उनका विशेष योगदान रहा। वे अभी भी दर्शकों को अपने खेल से लुभा रहे हैं। फिटनेस की कोई खास समस्या नहीं, इसलिए कहा जा सकता है कि कतर में 2022 में होने वाले विश्व कप तक वे अर्जेंटीना के लिए सक्रिय भूमिका निभाते रहेंगे।

पर राष्ट्रीय टीम अर्जेंटीना के साथ उनकी उपलब्धियां खास नहीं हैं। इतनी लंबी तपस्या के बाद कुछ समय पहले कोपा अमेरिका खिताब ने उनके खेल जीवन को नई संजीवनी दी है। जब सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर की चर्चा छिड़ती थी तो बड़े खिताब की नाकामी उन्हें इस दौड़ से दूर का देती थी। इस ठप्पे से मेस्सी भी निराश थे। लेकिन अब उनका भाग्य बदला है। पहले कोपा अमेरिका के रूप में खिताबी सफलता और अब पेले का रेकॉर्ड तोड़कर नई ऊंचाई को पाना मेस्सी के खेल में और जोशीलापन लाएगा।

2022 में कतर में होने वाले विश्व कप में अगर वह अर्जेंटीना को खिताब दिलवा देते हैं तो यह सोने पर सुहागा होगा। पिछले विश्व कप में उनकी टीम फाइनल तक जा पहुंची थी पर जर्मनी ने उनके खिताबी सपने को तोड़ दिया था। जहां तक इस दौर के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर का सवाल है तो मेस्सी के लिए पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो चुनौती बने हुए हैं। रोनाल्डो भी अपने गोल बनाने की निपुणता से क्लब और राष्ट्रीय टीम के नायक बने हुए हैं।


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