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महोबा में एतिहासिक जगहों की वन विभाग ने करवाई फोटोग्राफी।
महोबा में बुंदेलखण्ड के पुरातात्विक ऐतिहासिक मठ, मंदिरों और जलाशयो को संरक्षित रखने के लिए शुरू की गई मुहीम। टीम ने मुख्यालय के 11 स्थलों को चिन्हित किया है। जिनके रखरखाव और बचाव के लिए योजना तैयार की जा रही है।
वन विभाग के रेंचर ने लिया जायजा
जिले में गुरूवार को लखनऊ से वन विभाग की टीम आई। रेंजर रामकिशोर यादव ने चंदेल कालीन पुरातत्व महत्व के सूर्य मंदिर, सूर्यकुण्ड, रहिल सागर, गुरू गोरखनाथ की तपोस्थली गुखार पहाड़ पर स्थित दो अद्भुत अंधेरी गुफा, उजेरी गुफा के साथ- साथ गुखार पहाड़ के भूतल मे स्थित चंदेल शासको की इष्ट देवियां छोटी चंद्रिका, बड़ी चंद्रिका व शिवताण्डव मंदिर तथा मदन सागर सरोवर के मध्य खकरामठ आल्हा की बैठक, आल्हा की गिल्ली, मझारी की फोटीग्राफी कराई है। इसके अलावा चंदेल शासको की बनवाई कीरत सागर, शहर के मध्य स्थित आल्हा, ऊदल की प्रतिमाओं तथा उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन महोबा डिपो कार्यालय के निकट बड़े हनुमान मंदिर, कल्याण सागर, पंक्षी बिहार, विजय सागर की भी फोटोग्राफी की गयी है।
क्या बोले रेंजर
रेंजर रामकिशोर यादव ने बताया कि महोबा शहर के पुरातत्व मठ, मंदिरो, दार्शिनिक स्थलों, तालाबों तथा प्राकृति की अलौकिक छटा से परिपूर्ण गुरू अमरा की तपोस्थली गुखार पहाड़ का सुंदरीकरण आदि योजनाएं सम्मलित है। इन्हें सजाने संभालने के पीछे प्रदेश सरकार की मंशा महोबा शहर को पर्यटक स्थल के रूप मे विकसित करना है। सभी जगहों की फोटोग्राफी की गयी है। शीघ्र इनके विकास और संरक्षण की योजना तैयार की जा रही है।
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