1997 बैच के आईएएस डॉ. हरिओम अपनी नौकरी और पैशन दोनों के लिए जाने जाते हैं। एक अधिकारी के रूप में जहां उनकी सख्ती प्रसिद्ध है तो वहीं उनके कई म्यूजिक एल्बम भी मार्केट में धूम मचा चुके हैं।
1997 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ हरिओम के कई एलबम भी आ चुके हैं। डॉ. हरिओम के बारे में कहा जाता है कि वो सिंगर बनने का सपना देखते-देखते आईएएस बन गए। उनके गाने का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो कश्मीर का है, जहां डल झील के पास अपने साथियों के साथ हरिओम गाना गा रहे हैं।
यहां से शुरू हुआ सफर- डॉ. हरिओम का जन्म यूपी के अमेठी जिले के एक छोटे से गांव कटारी में हुआ था, जहां प्रशासनिक कार्यों को लेकर उतनी जागरूकता नहीं थी। शुरुआती पढ़ाई के बाद ग्रेजुएशन के लिए वो इलाहाबाद आ गए। उनका बचपन गजल, गाने, भजन कीर्तिन के बीच भी खूब गुजरा। ग्रामीण परिवेश में ही संगीत उनकी रगों में बस गया था।
सिविल सेवा का सपना- द ऑप्टिमिस्ट न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू में वो बताते हैं कि उनके पिता, उन्हें आईएएस और पीसीएस की तैयारी के लिए प्रेरित करते रहते थे। लेकिन हरिओम केवल एक अच्छा छात्र बनने की कोशिश करते रहे। उनके शिक्षक भी कहते थे कि वो एक होनहार छात्र हैं और उनमें सिविल सेवा परीक्षाओं को पास करने की क्षमता है।
सर्द हवा और गुनगुनी धूप
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कश्मीर की सरज़मीं
डल झील..चार चिनार..चार कलाकार?#कश्मीर #डललेक #चारचिनार #गुलमर्गलिटफेस्ट #sardhawa @रेनराजेश @nitishwarKumar @MattLaemon pic.twitter.com/DMXNafwyxK– डॉ हरिओम (@dr_hariom_ias) 31 अक्टूबर 2021
इलाहाबाद- जेएनयू से खुला रास्ता- जब हरिओम इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ने गए तो वहां के माहौल का उन पर बड़ा प्रभाव पड़ा। उनके ज्यादातर साथी आईएएस और पीसीएस के बारे में बात करते थे। यहां से उन्होंने तय किया कि वो सिविल सेवा की तैयारी करेंगे। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1992 में हरिओम जेएनयू आ गए। वो बताते हैं- “यहां छात्र आईएएस के बारे में अधिक गंभीर थे। दिल्ली में होने के कारण परीक्षा के लिए आवश्यक सभी तरह का गाइडेंस यहां प्राप्त हो सकता था। यही वह समय था जब डॉ हरिओम ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए दृढ़ निश्चय कर लिया। जिसके बाद 1997 में उन्होंने यूपीएससी क्लियर कर लिया और आईएएस के लिए चुन लिए गए।
इसके बाद हरिओम, यूपी के कई जिलों में डीएम के रूप में काम किए। इन्होंने ही गोरखपुर में अपनी सेवा के दौरान तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। तब योगी को 11 दिन जेल में रहना पड़ा था।
नौकरी के साथ-साथ संगीत- आईएएस में सिलेक्शन होने के बाद भी हरिओम की संगीत और लेखनी में रूचि कम नहीं हुई। द हिन्दू के अनुसार जब से उन्हें याद है, तब से संगीत के प्रति उनका जुनून रहा है। हिंदी साहित्य में डॉक्टरेट करते हुए उन्हें गजलों में रुचि हुई। वो बताते हैं “अपनी पढ़ाई के हिस्से के रूप में, मैंने हिंदी कविताएं और शायरी पढ़ना शुरू किया। आखिरकार मैंने मेंहदी हसन, गुलाम अली, हुसैन ब्रदर्स, जगजीत सिंह जैसे गजल गायकों को सुनना शुरू कर दिया”।
हरिओम अक्सर गजलें गाते हैं। उन्होंने गजल लिखी और रची है। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी है, जिनमें से एक कहानियों का संग्रह है। 2016 में उन्होंने एक कलाकार के रूप में अपना पहला सार्वजनिक एल्बम किया था। जो बड़ी हिट हुई थी। ये एल्बम उन्हीं की कविता पर आधारित है। इसके बाद जो ये सिलसिला शुरू हुआ वो आजतक जारी है।
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