मिली ने कहा कि यह मिसाइल परीक्षण को उसी तरह से चौंकाने वाला है जैसे सोवियत संघ ने वर्ष 1957 में अंतरिक्ष में दुनिया का पहला सैटलाइट स्पुतनिक लॉन्च कर किया था। इस सैटलाइट परीक्षण के बाद दुनिया के दोनों सुपरपावर के बीच अंतरिक्ष में प्रतिस्पर्द्धा शुरू हो गई थी।
चीनी मिसाइल को किसी भी तरीके से रोका नहीं जा सकता
अमेरिकी जनरल ने कहा है कि तकनीक के लिहाज से यह बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है। चीनी मिसाइल ने फिजिक्स के नियमों को बदल दिया। इन सब पर हमारी नजर बनी हुई है। इससे पहले अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने चीन के इस परीक्षण की पुष्टि करने से इनकार कर दिया था। इससे पहले खुलासा हुआ था कि चीन ने दो बार अंतरिक्ष से तबाही मचाने वाली महाविनाशक मिसाइल का परीक्षण किया है। चीन की यह हाइपरसोनिक मिसाइल परमाणु बम गिराने में सक्षम है। यही नहीं यह मिसाइल धरती पर मौजूद किसी एयर डिफेंस सिस्टम को गच्चा देने में सक्षम है। इस तरह चीनी मिसाइल को किसी भी तरीके से रोका नहीं जा सकता है। अभी यह क्षमता सुपर पावर अमेरिका के पास भी नहीं है।
विशेषज्ञ चीन के परीक्षण से दहशत में हैं और उनका मानना है कि इस स्पेसक्राफ्ट में एक परमाणु बम लगाया जा सकता है जो मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी गच्चा देने में सक्षम है। यहां तक कि सरकारी वैज्ञानिक भी यह पता लगाने के लिए जूझ रहे हैं कि चीनी अंतरिक्ष विमान की क्षमता क्या है। एक सूत्र ने फाइनेंशल टाइम्स से बातचीत में कहा कि इस मिसाइल ने ‘फिजिक्स के नियमों को बदल दिया।
बताया जा रहा है कि चीन ने स्पेस से यह नया मिसाइल परीक्षण 13 अगस्त को किया था। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूसरे परीक्षण में भी चीन ने हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल का इस्तेमाल किया। इसे चीन ने लॉन्ग मार्च रॉकेट से जुलाई में अंतरिक्ष में भेजा था। इस मिसाइल ने धरती का चक्कर लगाया और फिर तयशुदा स्थान पर हमला किया। चीन ने माना है कि उसने एक परीक्षण किया है लेकिन उसका दावा है कि यह शांतिपूर्ण सिविलियन स्पेसक्राफ्ट है,अब अंतरिक्ष से कहीं भी परमाणु बम गिरा सकेगा चीन, जानें भारत के लिए कितना बड़ा खतरा
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