सिंघु बॉर्डर पर युवक की हत्या की घटना पर राकेश टिकैत ने दिल्ली और हरियाणा की पुलिस पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि ऐसी घटनाओं का आंदोलन पर असर होता है।
आज तक से बातचीत के दौरान उनसे पूछा गया कि 26 जनवरी की घटना में भी निहंग सिखों की भूमिका थी और अब इस घटना के बाद क्या उन्हें नहीं लगता कि आंदोलन को बेपटरी करने की कोशिश की जा रही है? जवाब में राकेश टिकैत ने कहा, ‘कोई बेपटरी नहीं जा रहा है, आंदोलन तो चलता रहेगा। हमारे सैनिक शहीद हो रहे तो इसका मतलब सरकार क्या कर रही फिर? सरकार को इस्तीफा देना चाहिए न?’
उन्होंने आगे कहा, ‘कौन सी घटना कैसे होती है संगठन और सरकार उसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं ले सकती। घटना है और वो एक अलग विषय है। अब हम कहने लग गए कि हमारे जवान रोज बॉर्डर पर शहीद हो रहे हैं और सरकार कुछ नहीं कर रहे, सरकार को ये करना चाहिए, सरकार को इस्तीफा देना चाहिए। तो क्या सरकार इस्तीफा दे देगी?’
सिंघु बॉर्डर की घटना को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘पुलिस भी तो वहीं थी, हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस…एलआईयू के लोग क्या कर रहे थे? सुरक्षा में चुक हुई। कोई बाहरी आदमी आकर देश पर हमला कर जाए तो पुलिस क्या करेगी? एलआईयू इंटेलिजेंस वहां रहती है। दिल्ली पुलिस का एक मोर्चा, हरियाणा पुलिस का एक मोर्चा…वो क्या कर रहे थे? कोई एक मिनट की घटना तो ये है नहीं, घटना में तो वक़्त लगा होगा।’
इसी बीच राकेश टिकैत ने घटना को लेकर सरकार पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि ये घटना सरकार के उकसावे पर हुई। एबीपी से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि ये हत्या किसान आंदोलन को बदनाम करने की साज़िश है और सरकार ने प्रशासन को करोड़ों रुपए दिए हैं, आंदोलन को बदनाम करने के लिए।
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